अयोध्या के राममंदिर और बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में बनी पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक राम जन्मभूमि न्यास को दिया है. जबकि, मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए जमीन देने का निर्णय दिया है. साथ ही निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया गया है. gaurtalab hai ki करीब 400 साल पुराने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगातार 40 दिन तक सुनवाई करने के बाद आज फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के बीच सबसे ज्यादा बहस अयोध्या की विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर हुई. हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से पेश हुए वकीलों ने ढेरों दस्तावेज, एएसआई रिपोर्ट और धर्मग्रंथों का सहारा लिया. सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्षकार ने पहले 16 दिन में 67 घंटे 35 मिनट तक मुख्य दलीलें रखी थीं. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने 18 दिन में 71 घंटे 35 मिनट तक पक्ष रखा. पांच दिन में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की दलीलों पर 25 घंटे 50 मिनट तक जवाबी जिरह की. इसके बाद शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.