क्षेत्रीय
04-Oct-2020

कोराना संक्रमण भले ही आज देश भर के लिए मुसीबत बन चुकी है लेकिन इस संक्र मण के दौर में कुछ ऐसी वस्तुओं के दिन भी बदलें हैं जिनक ी पहले न के बराबर पूछ परख थी। आज उन वस्तुओं घर घर डिमांड हो चुकी है, मेडिकल की दुकानों के काउंटरों में बड़े रौब के साथ वे जीवनदायी उपकरण बनकर दिखाई दे रहे हैं। वहीं जिन वस्तुओं की वास्तव में इन्हीं दिनों जरूरत थी वे अब मार्केट से गायब हो गए और विकल्पों ने उनकी जगह ले ली। कोरोना संक्रमण के समय डेटाल लिक्विड सबसे पहले गायब हुआ, और उसकी जगह डेटाल हैंडवाश लेकर मार्केट में पहुंच गया। वहीं विटामिन सी का सबसे सस्ता विकल्प लिमची की डिमांड होते ही, आपूर्ति नहीं कर पा रहा है उसकी जगह उससे तीन-चार गुना मंहगे विटामिन सी क ी दवाओं ने जगह ले ली। कैल्शियम सप्लीमेंट, मल्टीविटामिन, च्वनप्राश सहित स्प्रिट, सेनेटाइजर, भाप वेपोराइजर, पल्स आक्सीमीटर जैसे मंहगे उपकरण तक अब देश की आधी आबादी के घर पहुंच बना चुके हैं। विटामिन सी का एक अन्य विकल्प नीबू भी इन दिनों ढाई से तीन गुना तक मंहगा हो चुका है। प्रतिरोधक क्षमता के चक्कर में किराने पर भी खासा असर पड़ चुका है, ड्राई फ्रूट तो अपनी जगह हैं ही, इन दिनों हल्दी, बड़ी इलायची, दालचीनी, अजमयिन, मेथी, लौंग, कालीमिर्च, लेडी पीपल, सोंठ एवं कालमेघ को काढ़े के लिए बड़ी मात्रा में खरीद हो रही है। हालात यह हो चुके हैँ कि कोरोना के डर को भगाने के लिए जब जहां जो भी सलाह दे रहा लोग उसे खरीद कर अपना रहे हैं।यहा तक कि सबसे अधिक ज्वलनशील पदार्थ अल्कोहल किराना से लेकर पान तक की दुकान में हर जगह बिकने लगा है।


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