मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र में विगत दिनों पायलीमेटा के पास हुई पुलिस और नक्सली मुठभेड़ की कहानी कुछ और ही बया कर रही है। हालांकि इस घटना की वास्तविकता से पुलिस भी अवगत हो चुकी है । दरअसल देवरबेली और टेमनी चौकी में तैनात हाकफोर्स को सूचना मिली थी कि टेमनी और पायलीमेटा नाले के पास नक्सली मीटिंग कर रहे है। सूचना पर पुलिस वहां पहुंची तो वहां कुछ लोग बन्दूक के साथ दिखे और पुलिस को देखते ही भरमार बन्दुक छोडक़र फरार हो गये। जिन्हे पुलिस ने नक्सली समझकर गोलियां चला दी । पुलिस ने मौके से नक्सलियों से मुठभेढ़ में भरमार बन्दुक बरामद की। लेकिन जब ईएमएसटीवी ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि पायलीमेटा का शिकारी भरमार बन्दुक लेकर शिकार करने गया था , जिसके साथ गांव के कुछ लोग भी थे। इस मुढभेढ़ की घटना के बाद पुलिस पर ही संदेह के निशान उठने लगे । हालांकि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने भी दबी जुबान से स्वीकरा है कि वो ग्रामीण थे, लेकिन वास्तविकता अभी सामने नहीं आई है मामले में जांच चल रही है । मौके पर पहुंचे लोगो का कहना था कि अच्छा हुआ कि पुलिस की गोली से कोई जनहानि नहीं हुई वरना डाबरी के दहियान टोका वाली घटना घटित हो जाती। जिस में गोदरी के जंगल में पुलिस और नक्सली मुढभेढ़ में दहियाटोला निवासी हीरालाल हेकाड़ मारा गया था। हालांकि शिकारी भी शिकार के डर के कारण सामने नहीं आ रहे है ।