व्यापार
11-Jan-2021

इमर्जिंग मार्केट में विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बना भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रहा है। बीते सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स ने निवेशकों को 2-2 फीसदी का रिटर्न दिया। यह लगातार 10वां हफ्ता रहा जब सेंसेक्स बढ़त के साथ बंद हुआ है। मार्केट एक्सपर्ट मान रहे हैं कि मजबूत तिमाही नतीजों के चलते आगे भी मार्केट में तेजी का अनुमान है। हालांकि इस रिकॉर्ड तेजी के बीच वित्त वर्ष 2021 में एक्सचेंज पर लिस्ट 13 और कंपनियों का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने पार्बती कोलडम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की अपनी सारी हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी ने यह हिस्सेदारी इंडिग्रिड ट्रस्ट को बेची है। दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा 900 करोड़ रुपए की एंटरप्राइजेज वैल्यू पर हुआ है। इंडिग्रिड पावर सेक्टर में देश की पहली इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट है। इस ट्रस्ट के पास रेटिंग के पावर ट्रांसमिशन असेट्स हैं। इस अधिग्रहण के साथ इंडिग्रिड के पास 12 ऑपरेटिंग पावर ट्रांसमिशन असेट्स हो गए हैं। इन असेट्स का कुल रू 14,500 करोड़ रुपए है। कोरोना महामारी के बीच एक और अच्छी खबर आ रही है। दिसंबर में लगातार चैथे महीने फ्यूल डिमांड में बढ़त दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक सुधार के चलते कुल खपत भी 11 महीने के हाई पर पहुंच गया है। हालांकि, यह प्री-कोविड लेवल से अभी भी 2 फीसदी नीचे है। ऑयल मिनिस्ट्री के मुताबिक दिसंबर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की डिमांड घटकर 18.59 मिलियन टन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 18.94 मिलियन टन रही थी। हालांकि मासिक आधार पर यह लगातार चैथा महीना रहा जब ईंधन खपत में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की गई। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचएआई वित्त वर्ष 2022 में 65 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। इस रकम को इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) और टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल के जरिए जुटाई जाएगी। माना जा रहा है कि आने वाले केंद्रीय बजट में भी इसे शामिल किया जा सकता है। फिलहाल एनएचएआई बोर्ड ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आने वाले वित्त वर्ष में हाईवे बनाने वाली सरकारी अथॉरिटी मार्केट से 65 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। हालांकि चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भी इसकी योजना 65 हजार करोड़ रुपए जुटाने की ही है। अमेरिका ने भारत में लगने वाले इक्विलाइजेशन लेवी यानी गूगल टैक्स पर आपत्ति जताई है। ये दूसरा मौका है जब अमेरिका को इस पर आपत्ति की है। इससे पहले जून 2020 में उसने कहा था कि ये टैक्स मंजूर नहीं है। यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव का कहना है कि इस टैक्स को लेकर अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यूएसटीआर अमेरिका के लिए व्यापार नीति बनाने का काम करता है। यूएसटीआर ने टैक्स की जांच के लिए कई देशों को लेकर नोटिस भी जारी किया है। इसमें भारत, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, यूरोपीय यूनियन, इटली, इंडोनेशिया, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन शामिल हैं।


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