राष्ट्रीय
11-Dec-2020

सिंघु बॉर्डर पर तैनात दिल्ली पुलिस के दो आईपीएस अफसर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के मोर्चे पर पुलिस बल की कमान संभालने वाले अफसर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक एक डीसीपी और एक एडिशनस डीसीपी भी संक्रमित हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कल ही दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच गुलाब और मास्क बांटे। साथ ही किसानों को कोविड टेस्ट करवाने का आग्रह किया था। आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक क्लीनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रहेगी लेकिन आपातकालीन चिकित्सा और कोविड से जुड़ी उपचार सेवाएं जारी रहेंगी। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति देने से सरकार मिश्रितपैथी को जन्म दे रही है। इससे आने वाले दिनों में चिकित्सा पेशा भी खतरे में पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भले बातचीत के दरवाजे खोल रखे हों लेकिन आंदोलनकारी किसान नए कृषि सुधार कानूनों पर आगे चर्चा के लिए राजी नहीं हैं। सरकार से अब तक की हुई बातचीत और मिले प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया है। इस श्बात्य से फिलहाल बात बनती नहीं दिख रही है। सरकार और किसान मोर्चा ने एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल दी है। 12 और 14 दिसंबर के आंदोलन की घोषणा के बाद आगे इसके विस्तार के संकेत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत से बात बनने की ओर इशारा किया है। किसान नेता ने भी इस इशारे को समझा है। श्डेडलॉक्य के बीच बात बनने के आखिरी वैकल्पिक रास्ते के लिए आंदोलनकारी किसानों को अब सरकार के नए प्रस्ताव का इंतजार है। देश की राजधानी नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोडने के लिए अलग से एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। ट्रैक पर कुछ जगह अंडरग्राउंड रेलवे लाइन भी होगी। इस ट्रैक पर अधिकतम 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इसके लिए 13 दिसंबर से हेलिकॉप्टर से लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) सर्वे शुरू किया जाएगा। इस तकनीक से 800 किमी. का सर्वे 12 हफ्तों में पूरा हो जाएगा, जबकि इसी तरह के मानवीय सर्वेक्षण में एक साल तक लग जाता है। कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों के चलते एक लंबा वक्त गुजर चुका है। अब हर कोई कोरोना के टीके का इंतजार कर रहा है। ऐसे में टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति को लेकर भी प्रयास चल रहे हैं। अगर टीका आता है तो उसे लगाने के लिए सिरिंज की जरूरत भी होगी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित हिंदुस्तान सिरिंज्स कंपनी की फैक्ट्री में हर घंटे एक लाख सिरिंज का निर्माण हो रहा है। भारतीय कंपनियां रात-दिन सिरिंज का निर्माण करने में जुटी हैं। दिल्ली देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जो कोरोना की तीन-तीन लहर देख चुका है। तीसरी लहर का असर पहली दो लहर से ज्यादा भयावह रही। इस दौर में रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीज और मौतों में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली। विशेषज्ञ अभी चैथी लहर आने की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आम लोगों को सर्तकता बरतने की सलाह दी गई है। आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 2 मार्च को राजधानी में पहला कोरोना संक्रमित मरीज मिलने और 14 मार्च को आरएमएल अस्पताल में पहली मौत होने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा असर नवंबर माह में दिखाई दिया है। हिमाचल में मोटी तनख्वाह लेने वाले सरकारी कर्मचारियों का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। पहले गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों का हक मारकर सस्ता राशन लेते रहे और अब किसान सम्मान निधि के 2.5 करोड़ रुपये डकार लिए हैं। यह राशि अकेले जिला कांगड़ा के किसान परिवारों की है। अन्य जिलों में भी ऐसा फर्जीवाड़ा होने का अंदेशा है। गरीब किसानों का हक डकारने वाले सरकारी कर्मचारियों की चालबाजी पर आयकर विभाग की नजर पड़ी तो उन्होंने डीसी कांगड़ा को पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी दी। अब जिला प्रशासन तहसील स्तर पर किसान सम्मान निधि के 2.5 करोड़ डकारने वाले करीब 2500 सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों की लिस्ट बना रहा है। पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद के बीच सेना अपनी कुछ जंगी फारमेशन (विन्यास या संरचना) को डुअल-टास्क (दोहरे कार्य) में बदलने पर विचार कर रही है जिन्हें चीन और पाकिस्तान दोनों से निपटने की इजाजत होगी। अभी तक जंगी फारमेशन का मुख्य फोकस पाकिस्तान सीमा पर ही रहता था क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कोई खास खतरा नहीं था। सैन्य ऑपरेशनल तैयारियों का संतुलन पश्चिमी सीमा की ओर बहुत अधिक झुका हुआ है। इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि वहां तीन स्ट्राइक कोर को तैनात किया गया है जबकि उत्तरी सीमाओं के लिए मात्र एक आक्रामक माउंटेन स्ट्राइक कोर ही बनाई गई।


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