हाथरस की पीड़िता को कब मिलेगा इंसाफ ? शायद योगी आदित्यनाथ और उनकी पुलिस ने यह तय कर लिया है कि किसी भी शख़्स को उनकी इजाजत के बिना हाथरस की पीड़िता के घर तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। गुरूवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रोकने में सारी ताक़त का इस्तेमाल करने वाली यूपी पुलिस ने शुक्रवार को भी यही कारनामा किया। हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जिस तरह की बदतमीजी की है, वह बेहद ही शर्मसार करने वाली है। इसके अलावा हाथरस की घटना के विरोध में ही लखनऊ में मार्च निकाल रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया और उन पर लाठिया भांजी। वहीं, पत्रकारों को भी गांव में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और कई पत्रकारों के साथ तो बद्तमीजी भी की गई । जिसका सोशल मीडिया में काफी विरोध हो रहा है । इन सब के बीच बड़ी बात निकलकर यह सामने नहीं आ पा रही है कि आखिर मी़डिया को पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है। हालांकि हाथरस ज़िले की 19 साल की दलित युवती की कथित बलात्कार और बर्बरतापूर्वक मारपीट के बाद हुई मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है.