राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल राइट टू वॉटर कान्फ्रेंस का मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुभारंभ किया । इस कान्फ्रेंस में देशभर के करीब 25 राज्यों के जल विशेषज्ञ और पर्यावरणविद शामिल हो रहे हैं। इसमें पानी बचाने और सहेजने को लेकर मंथन हो रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा की मेरा राजनीतिक जीवन पानी के संघर्ष से जुड़ा है और उसी संघर्ष से प्रेरणा लेते हुए मैंने राजनीति में आने का फैसला किया था। जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने का काम मप्र में शुरू हुआ। अब हमें पंचायतों और ग्राम सभाओं से जुड़कर काम करना होगा। दूसरे राज्यों को मप्र से सीखना चाहिए। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जल सम्मेलन में विशेषज्ञों के विचार के बाद अगले तीन महीनों में एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। उसमें पानी पर हर व्यक्ति का अधिकार तय किया जाएगा। हर व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन पानी और एक करो़ड़ लोगों के घर तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। 5 हजार करोड़ के कामों के टेंडर इसी महीने जारी होंगे। जिसमें 45-45 प्रतिशत राशि केंद्र औऱ राज्य सरकार वहन करेंगे। बाकी की राशि जनसहयोग से जुटाई जाएगी।