राष्ट्रीय
03-Apr-2020

कोरोना के मरीज मिलने के बाद से निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा में है। गुरुवार सुबह पूरे देश में अब तक कोविड19 के कुल 1965 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 400 मामले ऐसे हैं जो तबलीग़ी जमात के आयोजन में या तो गए थे या वहां जाने वालों के संपर्क में आए थे.यानी भारत में जितने पॉज़िटिव केस सामने आए हैं उसमें से तकरीबन 20 फ़ीसदी इस जमात से ताल्लुक़ रखते हैं. पहले समझिए कि ये होता क्या है. आपने मिशनरी शब्द सुना होगा. ये ईसाई धर्म का प्रचार करते हैं. तबलीगी का मतलब भी यही होता है, इस्लाम के संदर्भ में. माने मुस्लिम मिश्नरी. इसके बाद का शब्द है जमात. जमात मतलब समूह, झुंड या कतार. तो तबलीगी जमात का मतलब हुआ अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला समूह. तबलीगी जमात के मर्कज में शामिल हुए कई लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बुधवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना के मामलों में वृद्धि की वजह तबलीग़ी जमात है. ये हाल तब है जब सभी राज्यों में ऐसे सभी लोगों की शिनाख़्त नहीं हो पाई है, जो वहां मार्च के महीने में मौजूद थे. कोरोनावायरस के चलते एक ओर जहां लोगों को अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोका जा रहा था वहीं उस दौरान यहां कई लोग इकट्ठा हो रहे थे. तबलीगी जमात का हिस्सा बनने वाले कई लोगों के कोरोनावायरस संक्रमित पाए जाने के बाद सरकार द्वारा कई जरूरी कदम उठाए गए हैं. दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित इस मरकज में आमतौर पर भी काफी लोग रहते हैं। तबलीगी जमात से जुड़े दिल्ली और आसपास के लोग यहां आते रहते हैं। हर जुमेरात को यहां एक तरह की बैठक होती है जिसमें लोग एक साथ बैठकर धर्म की बातें करते हैं। महीने में एक बार यह बड़े लेवल पर भी होता है जिसमें करीब 2 से 3 हजार लोग आते हैं। इनमें से ज्यादातर यहीं रुकते भी हैं। अगर यहां पर 1000 लोग भी एक साथ रुके हुए हों तो सोशल डिस्टेंसिंग होना मुमकिन नहीं है। इसके अलावा यहां का कल्चर भी काफी घुलने-मिलने वाला है। लोग एक दूसरे से मुसाफा (हाथ मिलाना) करते हैं और ज्यादातर लोग एक ही थाली में खाना भी खाते हैं। हालांकि यह कहा जा रहा है कि सरकार के निर्देशों के बाद अपनी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग रखने की पूरी कोशिश की जा रही थी। अब भी तकरीबन 20 से ज़्यादा राज्यों में ऐसे लोगों की खोज की जा रही है.ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये एक मामला भारत के कोरोना ग्राफ को बदल देगा


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