MP के टीकमगढ़ से भाजपा विधायक राकेश गिरी के रसूख की आड़ में उनके भाई द्वारा जलाशय और पार्क हेतु आरक्षित सरकारी भूमि पर कॉलोनी के निर्माण करवाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ईएमएस टीवी खबर के बाद विधायक ने पत्रकारवार्ता कर इसे फर्जी बताया था और चैलेंज किया था कि अगर कोई इसे सिद्ध कर देगा तो मैं संन्यास लेकर अपनी सारी संपत्ति उस व्यक्ति के नाम कर दूंगा। विधायक के इस चैलेंज को कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने स्वीकार किया और सारे दस्तावेज जुटा लिए हैं जिसमें विधायक के भाई के खिलाफ सारे सबूत हैं। अब कांग्रेस नेता ने उनसे इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि भाजपा की शिवराज सरकार के संरक्षण में विधायक राकेश गिरी उनके भाई यशराज गिरी महेश गिरी और उनके रिश्तेदारों ने तालाब की भूमि पर अवैध कालोनी काट दी है। सारे दस्तावेज आरटीआई के जरिए सामने आए हैं। जिसमें विधायक के भाईयों के इस खेल में टीकमगढ़ के कलेक्टर एसडीएम और तहसीलदार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान इस मामले में कार्यवाही कराएं और विधायक के भाईयों पर शिकंजा कसें। गौरतलब है कि 2018 में विधायक बनने के बाद से ही विवादों में रहने वाले टीकमगढ़ से भाजपा विधायक राकेश गिरी के रसूख की आड़ में उनके भाई पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप लगा था। उनके भाई महेश गिरी पर आरोप है कि उन्होंने अपने विधायक भाई के प्रभाव का उपयोग करते हुए जलाशय एवं पार्क हेतु आरक्षित भूमि पर कॉलोनी का निर्माण करवाया है। इस मामले की शिकायत कांग्रेस नेता आलोक चतुर्वेदी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद टीकमगढ़ को की।