देश में लॉकडाउन के कारण मंदिरों और धार्मिक शहरों की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी है। तमिलनाडु के 8000 छोटे और मध्यम मंदिरों में अब एक समय पूजा हो रही है। मंदिरों में दान की आवक ना होने के कारण सरकार से मांग की जा रही है कि इनके बिजली बिल माफ किए जाएं।उत्तराखंड में चारधाम सहित पहाड़ों पर मौजूद 100 से ज्यादा मंदिर खुल गए हैं, लेकिन यहां हर साल श्रद्धालुओं का जो जमघट होता है, वो नदारद है। उत्तराखंड सरकार लोगों से टूरिज्म को बूस्ट करने के लिए सुझाव मांग रही है। तमिलनाडु में मंदिरों की खस्ता हालत को देखते हुए सरकार ने करीब 65 हजार ग्रामीण पुजारियों को एक-एक हजार रुपए की राहत राशि दी है। अप्रैल से जून तक का समय सामान्यतः उत्तराखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान चारधाम मंदिरों के कपाट खुलते हैं और हर साल 8 से 10 लाख लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस साल लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड टूरिज्म पूरी तरह चरमरा गया है।