वाहन चैकिंग के दौरान पकड़ाए बाइक चोर शहर में बढ़ रही वाहन चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने पुलिस कप्तान विनायक वर्मा ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी कर वाहन चोरियों पर अंकुश लगाने कहा और स्वयं एक दिन पहले परासिया मार्ग पर वाहन चैकिंग का मोर्चा भी संभाला था। कप्तान के निर्देश के बाद शहर के थानों की पुलिस ने भी वाहन चैकिंग का अभियान चलाया। इस दौरान कोतवाली पुलिस ने दो बाइक चुराने वाले 4 बदमाशों को पकड़ा है जिनके कब्जे से दो चोरी की बाइक बरामद की गई है। मामले में थाना प्रभारी सुमेरसिंह जगेत ने बताया कि 6 अप्रैल को उमरेठ निवासी दिलीप टांडेकर पोस्ट ऑफिस आया था और उसने अपनी बाइक भीतर कैंपस में खड़ी कर दिया था तभी अज्ञात बदमाश चोरी कर ले गए थे। इसी तरह अमरवाड़ा निवासी इरशाद खान इंडियन कॉफी हाउस से आया था तभी उसकी बाइक किसी ने पार कर दी थी। रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही थी। इसी दौरान सोमवार को वाहन चैकिंग के दौरान आरोपी अंकित पिता झाड़ूलाल निकोसे तथा आकाश पिता जगदीश और आरोपी महेंद्र पिता सुरेश यादव रितिक पिता विष्णु यादव सभी निवासी उमरेठ को पकड़ा गया है। इनके कब्जे से दो बाइक बरामद की गई है। चैकिंग में पकड़ाई गामा इधर तामिया थाना अंतर्गत वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस ने एक चौपहिया वाहन पकड़ा है। मौके पर चालक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने से पुलिस ने वाहन को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है उक्त वाहन चोरी का हो सकता है। जनसुनवाई में लगी भीड़ तो कलेक्टर पहुंची आवेदकों से मिलने लाइन में कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रति मंगलवार को जन सुनवाई होती है। जिसमें छिंदवाड़ा कलेक्टर शीतला पटले कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आवेदकों को कुर्सी में बैठाकर उनकी समस्याएं सुनती है। साथ ही त्वरित संबंधित अधिकारियों को शिकायत का निराकरण करने के लिए निर्देशित करती हैं। इस मंगलवार जनसुनवाई में आवेदकों की काफी लंबी लाइन लग गई। 300 से ज्यादा आवेदक अपनी शिकायतों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। आवेदकों की लंबी लाइन देखते हुए कलेक्टर शीतला पटले अपनी कुर्सी से उठ गई तथा कतार में लगे आवेदकों के पास जाकर उनकी समस्याएं सुनी। जिनका जल्द निराकरण करने का आश्वासन भी उन्होंने आवेदकों को दिया। कलेक्टर शीतला पटले का यह नया अंदाज देखकर घंटों लाइन में खड़े रहने वाले आवेदकों ने भी राहत की सांस ली तथा उन्हें अपनी शिकायत बताई। .चाय पर चर्चा कर एसपी ने की जनसुनवाई सप्ताह के प्रति मंगलवार को कंट्रोल रूम में होने वाली जनसुनवाई में मंगलवार को नजारा देखने लायक था। दरअसल जनसुनवाई कर रहे पुलिस कप्तान विनायक वर्मा ने अपनी अर्जी लेकर आए आवेदकों से पहले तो चाय पर चर्चा की उसके बाद उनके आवेदनों पर सुनवाई भी की और संबंधित थाना प्रभारी को वहीं से फोन लगाकर पीडि़तों को त्वरित न्याय दिलाने के निर्देश भी दिए। जनसुनवाई के दौरान चांदामेटा थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत पर उन्होंने जांच के आदेश दिए है। इसी तरह मोहगांव थाना क्षेत्र के ज्यादती का मामला सुनने के बाद थाना प्रभारी को प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। इसी तरह जमीनी विवाद लेकर आई चार महिलाओं को उन्होंने सम्मान के साथ बिठाया और उनसे मामले की जानकारी लेने के बाद देहात थाना प्रभारी को इस प्रकरण को हल कर महिलाओं को न्याय दिलाने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में तकरीबन 20 मामलों का निराकरण पुलिस कप्तान द्वारा किया गया। बुजुर्गों के लिए लगाया स्वास्थ्य शिविर कलेक्ट्रेड परिसर में स्थित वरिष्ठ नागरिक मंच द्वारा आज बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा वरिष्ठजनो का पंजीयन कर इलाज किया गया तीन माह से वेतन के लिए तरस रहे यूडीएस के कर्मी सिम्स मेडिकल कालेज में सेवाएं दे रहे यूडीएस ठेका कर्मचारी पिछले तीन माह से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। अब इन कर्मचारियों ने बुधवार से काम बंद करने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि उनसे काम तो बकाएदा लिया जा रहा है लेकिन उन्हें वेतन के लिए दरबदर भटकना पड़ रहा है। इन कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति हो गई है। ठेकेदारी में कार्य कर रहे कर्मियों के ठेकेदार को उनकी मेहनत औैर जरूरत का भी अहसास नहीं हो रहा है। इसके साथ ही सिम्स की ओर से भी भुगतान के लिए सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। सुबह से उठकर शाम तक वे अपनी सेवाएं देने वाले कर्मियों के बच्चों के सपने अधूरे रह जा रहे हैं। ये कर्मचारी अपने बच्चों को न ही बेहतर शिक्षा दे पा रहे हैं और न ही उन्हें स्वास्थ्य सुविधा दे पा रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को यूडीएस कर्मचारियों ने हाइट्स कंपनी यूडीएस के इंचार्ज और मेडिकल कालेज के डीन को ज्ञापन सौंपकर वेतन दिलाने की मांग की है। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।