सीहोर। कोरोना संक्रमण के दौरान विगत 15 अप्रेल से शासन के निर्देशों के बाद गेहूं का उपार्जन का काम शुरू हो गया है। लेकिन जिले में सुस्त पड़े अधिकारीयों की उदासीनता के चलते उपार्जन केंद्र भगवान भरोसे चल रहे है l वेयर हाउस मालिकों की मनमानी के चलते किसानों को भरी परेशानिओं का सामना करना पड़ रहा है l कही किसानों को वेयर हाउस पर ही रात गुजारनी पड़ रही तो कही उसकी फसल जाया तौली जा रही है l ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी लंबी लाइने सुस्त प्रशासन मस्त नेताओं और परेशान किसानों की दास्ता खुद वया कर रही है l उपार्जन केंद्रों पर कोरोनो को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए थे लेकिन ज्यादातर केंद्र बिना सुरक्षा इंतजामो के चल रहे है।न तो केंद्रों को रोजाना सेनेटाइन किया जा रहा है न ही किसानों को औऱ केंद्रों पर काम करने वाले कर्मचारियों के पास मास्क है।ऐसे में इन केंद्रों की अव्यवस्थाएं सवालों के घेरे में है। ऐसे में किसानों के जीवन के साथ भी खिड़वाल किया जा रहा है l जानकारी के अनुसार जिले में किसानों की फसल खरीदी के लिए करीब 175 केंद्र बनाए गये है।इन केंद्रों का जब जायजा लिया गया तो गंभीर लापरवाही सामने आ रही है।ज्यादार खरीदी केंद्रों पर स्थिति यह है कि इन केन्द्रो पर फसल बेचने आ रहे किसानों की सुरक्षा के लिए न तो मास्क दिए जा रहे है और न ही केंद्रों को सेनेटाईजर किया जा रहा है।सीएम के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रामगढ़ में ओम लॉजिस्टिक वेयर हॉउस ,मा शारद को लेकर किसानों से लगातार शिकायत मिल रही थी l इस वेयरहाउस का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है अधिकारीयों ने कागजों पर ही इसकी परमिशन दे दी है यहाँ पर नियमो को ताक पर रखकर यहाँ भंडारण किया जा रहा था।ऐसे में सवाल यह है कि बिना पूरे हुए वेयर हाउस में इस तरह के कार्य किसके आदेश से चल रहे है।सीएम के विधानसभा क्षेत्र बुदनी में जब इस तरह की लापरवाही सामने आ रही है तो अंदाज लगाया जा सकता है की पूरे जिले में क्या हालत होंगे।