गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत ने कई अटकलों को हवा दे दी है। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या भाजपा ने गुजरात के लिए दिल्ली कुर्बान कर दी? दरअसल एमसीडी चुनाव के दौरान भाजपा पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरी ही नहीं। आलम यह रहा कि एमसीडी में कमल खिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक भी रैली नहीं की। वहीं अमित शाह अपनी ही रैली में आखिरी वक्त पर नहीं पहुंचे थे। दिल्ली का जिम्मा राजनाथ सिंह गौतम गंभीर समेत अन्य नेताओं पर छोड़ दिया गया। उधर गुजरात में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 से ज्यादा रैलियां कीं और राज्य की 134 विधानसभा सीटों को कवर किया। सबसे खास PM का अहमदाबाद का 50 किलोमीटर लंबा रोड शो रहा। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने 23 रैलियों के माध्यम से 108 सीटों को घेरते दिखे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्य चेहरा रहे दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल शुरुआती दौर में गुजरात में ताल ठोंकते दिखाई दिए लेकिन दूसरे चरण के मतदान से पहले उनके हाव-भाव ऐसे रहे जैसे उन्होंने गुजरात के सियासी मैदान में हथियार डाल दिए। उन्होंने पूरा फोकस दिल्ली की तरफ कर लिया। वहीं केजरीवाल का रुख देखने के बाद भी भाजपा ने दिल्ली पर ध्यान नहीं दिया और गुजरात पर पूरा जोर लगाए रखा। भाजपा ने गुजरात विधानसभा में तो बढ़त बना ली लेकिन दिल्ली MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली।