कोरोनावायरस से सारी दुनिया के देश भयभीत हैं। 200 से अधिक देशों में कोरोनावायरस के कारण आर्थिक और सामाजिक स्थितियां बद से बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं। चीन के बाद सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बाद भी, भारत में कोरोनावायरस का असर सबसे कम होगा। कोरोनावायरस के कारण सारी दुनिया के देशों में लॉक डाउन चल रहा है। कोरोनावायरस के कारण जो आर्थिक और सामाजिक स्थिति सारे दुनिया के देशों की गड़बड़ाई है। उसके बाद भारत और चीन ही ऐसे देश हैं। जो सारी दुनिया को ना केवल इस बीमारी से निजात दिला सकते हैं। बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी मददगार साबित हो सकते हैं। भारत के लिए यह सबसे बड़ा सुनहरा अवसर है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं। जो जोखिम वाले निर्णय लेते हैं। जो निर्णय कर लेते हैं, उसे जमीन पर उतारने के लिए जी जान से जुड़ जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद, देश को नरेंद्र मोदी के रूप में दूसरा शक्तिशाली प्रधानमंत्री मिला है। पिछले 6 वर्षों में नरेंद्र मोदी ने इसे साबित भी कर दिया है। देश के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में सारा देश उन्हें फॉलो करता है। भारत ही नहीं दुनिया के बड़े-बड़े देशों में उनकी लोकप्रिय और चमत्कारिक नेता के रूप में पहचान है। विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध बहुत मधुर हैं। भारत की विश्वसनीयता और पिछले 7 दशक में भारत की वैश्विक छवि, चीन की तुलना में बहुत बेहतर है। कूटनीतिज्ञ संबंधों के आधार पर भारत के लिए यह एक बड़ा अवसर है। चीन की विश्वसनीयता, कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद सारी दुनिया के देशों में लगभग खत्म हो गई है। ऐसे समय में भारत को अपनी आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक और न्यायिक स्थिति मैं मामूली सुधार करने से, दुनिया भर के सारे देश, चीन की तुलना में भारत में अपना कारोबार स्थापित करेंगे। अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियां पूंजी निवेश करने के लिए भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही हैं। भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। वैश्विक व्यापार संधि के बाद चीन ने जिस तरह सारी दुनिया में, चीन के उत्पादों के माध्यम से अपना वर्चस्व बनाया। उसका सही जवाब देने का समय अब भारत के पास है। यदि ऐसा हुआ, तो बहुत कम समय में भारत दुनिया का नंबर 1 का देश बनेगा। भारत के लिए यह एक अच्छा अवसर है। चीन के बाद भारत, दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश है। भारत में कुशल और अकुशल कामगारों की संख्या करोड़ों में है। भारत की आबादी में सारी दुनिया के देशों की तुलना में सबसे ज्यादा युवा आबादी है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, साउथ कोरिया जैसे देशों के उद्योगपति चीन से बाहर निकलना चाहते हैं। कोरोनावायरस के रूप में भारत के लिए यह एक नया अवसर है। कोरोना से डरने की स्थान पर कोरोना से लड़ते हुए इस जंग को आसानी से जीता जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत की युवा आबादी को, औद्योगिक उत्पादों के निर्माण, सेवा के क्षेत्र और व्यवसाय से जोड़ने के लिए चीन की तरह भारतीय नीतियों में परिवर्तन लाये। सारी दुनिया के पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने का अभी तक का सबसे अच्छा अवसर हैं।यदि ऐसा हुआ, तो भारत के लिए कोरोनावायरस एक बड़े अवसर के रूप में सामने आया है।