भगवान महावीर जयंती की भव्य शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग पर सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा निकाली गई । ढोल नगाड़ों के साथ भव्य रथ पर विराजे भगवान महावीर स्वामी जहां शोभायमान थे तो दूसरी ओर परम पूज्य गुरुदेव संत शिरोमणि 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री 108 संभव सागर जी महाराज ससंघ भव्य शोभायात्रा के साथ चल रहे थे। जय महावीर - जय महावीर के जयकारों की गुंजायमान से सारा आकाश गूँज रहा था। भव्य रथ पर बैठे कुबेर जहाँ रत्नों की वर्षा कर रहे थे तो ईशान इंद्र सनत कुमार इंद्र महेंद्र इंद्र खुशी व्यक्त करते हुए शोभायमान थे। डीजे की धुन पर दिगंबर जैन समाज के युवा नृत्य करते हुए भक्ति भाव से भक्ति रस में तल्लीन थे युवतियों एवं महिलाओं द्वारा आकर्षण डाँडिया नृत्य भी जनाकर्षण का केंद्र रहा।सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा तीन दिवसीय महावीर जयंती महोत्सव मनाया गया जिसमें श्री दिगंबर जैन पंचायती जिन मंदिर परिसर में सिद्धार्थ एवं त्रिशला माता द्वारा भगवान का जन्म 16 स्वप्न 56 कुमारी व द्वारा नृत्य सौधर्म एवं नाभिराय की सभा तांडव नृत्य का मंचन किया गया जैसे ही भगवान का जन्म हुआ चहुंओर बधाइयां एवं खुशियों का वातावरण छा गया। सभी भक्त भावविभोर होकर नृत्य करते दिखे प्रातः काल बेला में निकाली गई शोभायात्रा में सकल जैन समाज श्वेतांबर जैन समाज दिगंबर जैन कुंदकुंद कहान मुमुक्षु मंडल के साथ शामिल रहे जो भगवान महावीर के जयकारे लगाते हुए गुणगान कर रहे थे । अपरांह बेला में भगवान महावीर का महामस्काभिषेक हुआ।