यहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट में बैठे न्यायाधीशों ने सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। वहीं दूसरी ओर शिवपुरी जिले के युवाओं ने उसी सोशल मीडिया का पॉजीटिव उपयोग कर समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। सोशल मीडियो के पॉजीटिव उपयोग के जरिए शिवपुरी के युवाओं ने ब्लड की कमी से जूझने वाले जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की मदद की है और आज इन युवाओं की पहल के कारण इस सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक में रक्त की कमी नहीं है। इसके अलावा 500 से ज्यादा रक्तदाताओं का एक समूह भी बन गया है। शिवपुरी की मंगलम स्वयंसेवी संस्था के युवाओं का एक गु्रप रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्त की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस स्वयंसेवी संस्था के युवाओं ने जिला चिकित्सालय में रक्त की कमी को देखते हुए रक्तदाताओं का एक ग्रुप बनाया है और इसे सोशल मीडिया से जोड़ा। यानि रक्तदाताओं को एक व्हाट्सअप ग्रुप से जोड़कर इन रक्तदाताओं की एक टीम बनाई गई। इस संस्था के गु्रप ने बीमार मरीजों व जरूरतमंदों को शिवपुरी ही नहीं अपितु ग्वालियर, दिल्ली, कोटा तक भी अपने रक्तदाता भेजकर निशुल्क रूप से आवश्यकता पड़ने पर ब्लड दिया है। इसके अलावा कुपोषण प्रभावित शिवपुरी जिले में आदिवासी कुपोषित बच्चे जो पोषण पुर्नवास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती किए जाते हैं इन बच्चों को भी ब्लड दिया है।