क्षेत्रीय
इछावर शासन ने पशुओं की देखरेख को लेकर अरबों का खजाना खाली किया। लेकिन चिकित्सा सेवा के अभाव मे अनगिनत बेज़ुबान पशु लगातार दम तोड़ते जा रहे है। बात इछावर ब्लाक की है जहां ग्राम्यांचलों के पशु औषधालायों के ताले तक नहीं खुलते,सबसे बड़ी बात यह है। चिकित्सालय पूरी तरह लावारिस नजर आता है। यहां पदस्थ पशु चिकित्सक हमेशा लापता रहता है। पशुपालक अपने बिमार पशुओं को अस्पताल लेकर जाते हैं। लेकिन कोई नहीं होने के कारण निराश होकर वापस लोट जाते हैं। चिकित्सक नहीं होने का खामियाजा पशु मालिकों को भुगतना पड़ता है। ग्रामीण बताते है कि पदस्थ चिकित्सक का कोई समय नहीं है। कब आता है, कब जाता है।