क्षेत्रीय
23-Apr-2020

कोरोना महामारी के बीच पूरे प्रदेश में शराब दुकाने पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए है लेकिन इन आदेशों का जबलपुर जिले में कोई असर नहीं हो रहा है बल्कि जबलपुर में शराब मफ़िआओ के हौसले इतने बुलंद है की वह सील दुकानों को तोड़कर धड़ल्ले से अवैध शराब बिक्री को अंजाम दे रहे है लेकिन अनेक घटनाओ के बाद भी जबलपुर का आबकारी अमला मूक दर्शक बना देख रहा है और यहाँ पुलिस शराब माफियाओ को पकड़ने का काम कर रही है । शासन द्वारा निर्देश है की प्रतिदिन सील दुकानो एवं उनके स्टॉक की सघन जांच करे लेकिन जिले के विवादित आबकारी आयुक्त एसएन दुबे पर शासन के आदेशों का कोई असर नहीं है । इन मामलो को देखते हुए जिले के सहायक आबकारी आयुक्त की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है । पूर्व में भी इन की विवादित कार्यप्रणली के कारण जबलपुर जिले के पूर्व कलेक्टर और वर्तमान संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी ने भी साल 2017 में सहायक आबकारी आयुक्त को लेकर शासन को अर्ध शासकीय पत्र प्रेषित किया गया था । उसके बाद पूव जबलपुर कलेक्टर र छवि भारद्वाज ने तो दुबे के निलम्बन का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया था। ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए इस विवादित अधिकारी के द्वारा सेना के थोक कैंटीन का लाइसेंस एक माह विलम्ब से दिया गया था जिससे शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि हुई है । लेकिन इतनी शिकायतों के बाद भी सहायक आयुक्त की कार्यप्रणाली पर कोई बदलाव नहीं आया है और यही कारण है की जबलपुर मेंअवैध शराब कारोबारियों के हौसले बुलंद है । इसके अलावा अभी तक जिले के किसी भी बार के स्टाक की जानकारी भी आबकारी विभाग ने नहीं ली है और नही इन्हे विधिवत सील किया गया है । अब देखना होगा कि जबलपुर के नवागत पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा इस अवैध शराब और उनसे साँठगाँठ रखने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे ।


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