अंतर्राष्ट्रीय
17-Sep-2020

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है और हर देश इसकी वैक्सीन तलाशने में लगा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके देश में सबसे पहले वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी. डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अक्टूबर तक वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी, जिसके बाद जनवरी से इसका उपयोग शुरू हो जाएगा. इसके लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से एक प्लान भी जारी किया गया है कि किस तरह वैक्सीन लोगों को दी जाएगी. बुधवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप की ओर से ऐलान किया गया कि सभी अमेरिकियों को कोरोना वायरस की वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके लिए जनवरी से जमीनी स्तर पर काम शुरू किया जाएगा. इसके तहत नेशनल हेल्थ डिपार्टमेंट सभी स्टेट के साथ बात कर उसे छोटे अस्पतालों तक पहुंचाने का काम करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतवंशियों की भूमिका कितनी अहम है इसका पता इसी बात से चलता है कि देश की बड़ी सर्वे एजेंसियां भारतीय-अमेरिकियों पर अलग से सर्वेक्षण कर रही हैं। एक सर्वे में पता चला है कि रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के भारतवंशी वोट बैंक में सेंध लग गई है क्योंकि भारतीय-अमेरिकी बहुमत डेमोक्रेट उम्मीदवार बिडेन को समर्थन कर रहा है। सर्वे में पता चला है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के 66 फीसदी लोग जो बिडेन के पक्ष में हैं जबकि डोनाल्ड ट्रंप को सिर्फ 28 फीसदी लोग ही अपना नेता मानते हैं। ग्रीस में रहने वाले अवैध पाकिस्तानियों ने यह जता दिया कि वे दुनिया में किस तरह का बर्ताव कर रहे हैं। ग्रीस (यूनान) में अवैध रूप से रहने वाले करीब 30 पाकिस्तानियों को क्रेट आइलैंड पर इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि ये जहां काम करते थे वहां इनके खराब व्यवहार से लोग परेशान थे। एथेंस में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा मामले में दखल के बाद इनकी रिहाई हो सकी। हाल में ही पाकिस्तानी द्वारा वर्कप्लेस पर यूनानी लड़की से छेड़छाड़ के बाद यूनानी लोगों ने टिंपकी स्थित मस्जिद पर हमला किया जहां पाकिस्तानी श्रद्धालु जाते हैं। उन्होंने करीब 30 अवैध पाकिस्तानियों को बंधक बना लिया, जिनकी रिहाई के लिए पाक दूतावास को आगे आना पड़ा। नेपाल की ओली सरकार ने अपने देश के विवादित नक्शे को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया है। यही नहीं, अपने देश के एक और दो रुपयों के सिक्कों पर भी नए नक्शे को अंकित करने का निर्णय लिया है। जानकारों का कहना है कि ओली सरकार की दोनों ही हरकतों का मकसद नेपाली नागरिकों में भारत विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देना है। इसका दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ेगा। एस्ट्राजेनेका के ट्रायल में साइड इफेक्ट कोविड-19 दवा के कारण नहीं हुआ था। इस बात का खुलासा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के हवाले से समाचार एजेंसी रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट में किया है। बता दें कि साइड इफेक्ट के कारण इस दवा का परीक्षण कुछ दिन के लिए रोक दिया गया था। यहां हो रहे कोरोना वैक्सीन का परीक्षण साइड इफेक्ट की वजह से 6 सितंबर को रोक दिया गया था। बताया गया कि ट्रायल में एक शख्स को दवा देने के बाद उसे रीढ़ संबंधी बीमारी शुरू हो गई थी, जिसे ट्रांसवर्स माइलिटिस कहा जाता है। अमेरिका के पश्चिमी राज्य जंगलों की आग से जूझ रहे हैं। चुनाव के दौर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन इस मुद्दे पर भी जुबानी जंग में उलझ गए हैं। मकसद है- सबअर्बन यानी उपनगरीय या छोटे शहरों में रहने वाले वोटरों को लुभाना। क्लाइमेट चेंज या जलवायु परिवर्तन कई अमेरिकियों और खासकर महिलाओं के लिए चिंता की बड़ी वजह है। आसमान में राख और धुएं का गुबार है। हवा जहरीली और बदबूदार हो चुकी है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट में आने से बचने के लिए पाकिस्तान ने कोशिशें तेज कर दी हैं। एफएटीएफ की अगली बैठक अक्टूबर में यानी अगले महीने होनी है। इसके पहले पाकिस्तान की संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया। इसमें तीन बिल पास किए गए। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा- जैसे हमने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में कामयाबी हासिल की, वैसे ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने में भी कामयाब होंगे। दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए लोगों का आंकड़ा 3 करोड़ से ज्यादा हो गया। खास बात ये है कि 2 से 3 करोड़ केसों का आंकड़ा सिर्फ 39 दिन में पूरा हो गया। यानी संक्रमण की रफ्तार अब सबसे ज्यादा है। करीब 100 साल पहले 100 साल पहले फ्लू से 50 करोड़ संक्रमित हुए थे। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 1918-19 में इंफ्लूएंजा से दुनिया में 50 करोड़ लोग संक्रमित हुए थे। उस वक्त दुनिया की एक तिहाई आबादी संक्रमित हो गई थी।


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