सन् 1857 की क्रांति के वीर नायकों में से एक शहीद तात्या टोपे के परिजन केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की शिवराज सरकार से नाराज हैं। अपने गुरिल्ला युद्ध से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले तात्या टोपे के परिजन का कहना है कि शिवपुरी जो तात्या टोपे की बलिदानी स्थली है वहां पर अभी तक संग्रहालय और स्मारक का निर्माण नहीं किया गया है जबकि केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से इस तरह के पत्र व्यवहार पूर्व में जारी किए जा चुके हैं लेकिन राज्य और केंद्र सरकार की लेटलतीफी के कारण अभी तक यह संग्रहालय नहीं बन सका है। तात्याटोपे के वंशज सुभाष टोपे मंगलवार को ग्वालियर से शिवपुरी आए हुए थे। शिवपुरी में मंगलवार को तात्याटोपे के बलिदान दिवस 18 अप्रैल पर हर वर्ष की तरह शहीद मेला लगा था। इस मेले में आए सुभाष टोपे ने बताया कि सरकारें बड़ी बातें करती हैं लेकिन देश को आजादी दिलाने वाले वीर शहीदों के बलिदान को भुलाया जा रहा है। गौरतलब है कि सन् 1857 की क्रांति के प्रमुख योद्धा अमर शहीद तात्याटोपे को 18 अप्रैल 1959 को अंग्रेजों ने धोखे से पकड़कर शिवपुरी में उन्हें फांसी दी थी। शिवपुरी तात्याटोपे का बलिदान स्थल है और हर साल यहां पर शहीद मेला आयोजित होता है। लेकिन अभी तक यहां पर संग्रहालय नहीं बनाया जा सका है। इसके अलावा नवीन पार्क भी आधा अधूरा पड़ा है। #mpnews #shivpurinews #mpnews