मंदिरों में ड्रेस कोड लागू! आपत्तिजनक कपड़े पहनने पर नहीं दी जाएगी एंट्री मंदिरों में ड्रेस कोड लागू! आपत्तिजनक कपड़े पहनने पर नहीं दी जाएगी एंट्री आपत्तिजनक कपड़े पहनने पर नहीं दी जाएगी एंट्री महाराष्ट्र के नागपुर में चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोपालकृष्ण मंदिर (धंतोली) संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर (बेलोरी-सावनेर) बृहस्पती मंदिर (कानोलीबारा) और हिलटॉप दुर्गामाता मंदिर (मानवतानगर) इन मंदिरों में अब आपत्तिजनक कपड़े पहनने पर एंट्री नहीं दी जाएगी। हाराष्ट्र मंदिर महासंघ का मानना है कि ड्रेस कोड देश के कई मंदिरों गुरुद्वारों चर्चों मस्जिदों और अन्य पूजा स्थलों पर लागू है. इसलिए अगर कटी फटी जींस अर्धनग्न कपड़े स्कर्ट उत्तेजक वस्त्र अशोभनीय वस्त्र पहन कर मंदिर ने प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है इसके बावजूद फिर भी अगर इस तरह के कपड़े पहनकर कोई मंदिर आ जाता है तो उन्हें ओढनी दुपट्टा लुंगी दी जाएगी. जिसके बाद उन्हें प्रवेश दिया जाएगा. नई संसद का इनॉगरेशन कल चेन्नई से 21 संत रवाना नए संसद भवन का इनॉगरेशन रविवार को होगा। नया भवन देश की विविध संस्कृति से जुड़ा है। इसे बनाने में देश के हर कोने से लाया गया सामान लगाया गया है। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है तो भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है। चीन को टक्कर देने के लिए यह जरूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। इस बीच अमेरिका की एक कांग्रेस समिति ने बाइडन सरकार से भारत को नाटो प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि भारत के शामिल होने से नाटो प्लस को मजबूती मिलेगी। बता दें नाटो प्लस एक सुरक्षा व्यवस्था है जो वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इसमें पांच देशों के बीच गठबंधन है। ये देश ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड जापान इजरायल और दक्षिण कोरिया हैं। अमेरिका के डिफॉल्ट होने की तारीख 5 जून तक बढ़ी अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ाने पर सरकार और विपक्षी पार्टी के बीच कोई डील फाइनल नहीं हो पा रही है। इस बीच ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट एल येलेन ने कहा है कि अमेरिका 5 जून तक दिवालिया हो सकता है। यानी सरकार के पास केवल 5 जून तक देश को चलाने का पैसा बचा है। पहले ये तारीख 1 जून बताई गई थी। वहीं अमेरिका का सरकारी खजाना पिछले 6 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। गुरुवार को अमेरिकी ट्रेजरी का कैश बैलेंस 3 लाख करोड़ रुपए हो गया जो मंगलवार को 4 लाख करोड़ रुपए था।