प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन के नेतृत्व में मंगलवार को नगर के विभिन्न चौक-चौरहा और सीमाओं में गस्ती सुरक्षा दल के चेक पोस्ट, बेरिकेट और पाईन्ट स्थलों के साथ ही नगर पालिका द्वारा संचालित दीनदयाल रसोई परिसर व गिरिजा घर परिसर को कीटनाशकों का छिड़काव कर शुद्धीकरण किया। इस दौरान सुरक्षात्मक जिले में ही निर्मित सूती कपड़े के तीन लेयर वाले मास्क वितरित किये । २ लगभग आधे दशक से संचालित एपीटी खदान मे कार्य करने वाले लगभग तीन सैकडा मजदूरों को लाक डाउन के दौरान खदान संचालकों के द्वारा कोई राहत सामग्री वितरित नही की गई जिसके कारण एक ओर जहां मजदूरों मे अंदर ही अंदर अपने मालिकों के प्रति आक्रोश पनप रहा है मजदूरो का कहना है कि क्षेत्र मे किसानी के अलावा कोई जीविका उपार्जन का कोई साधन नही है । जिनके पास कृषि योग्य भूमी नही है वह इन खदानों मे मजदूरी कर अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण करते है । ३ जिला कांग्रेस कमिटी प्रवक्ता विशाल बिसेन ने जिला प्रशासन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विभाग में करोड़ो के भ्रष्टाचार और घोटाले की तैयारी कर रखी है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर के एक आदेश से जिले में नियमित कार्य कर रही लगभग 1100 समहू की 11000 महिलाओं को बेरोज़गार कर दिया गया है। ४ बालाघाट जिले अंतर्गत वन विकास निगम लामता प्रोजेक्ट परीक्षेत्र लालबर्रा के ग्राम सेलवा के पास से लगे हुए घने जंगलों मैं रेत का अवैध उत्खनन निरंतर जारी है इस वन क्षेत्र से मुर्रम नाला प्रवाहित होता है जिसमें भारी मात्रा में रेत है जिस रेत पर माफिया नजरे जमाए हुए निरंतर अवैध खनन और उसका परिवहन कर रहे हैं वहीं इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी रवि गेडाम का कहना है कि जिस स्थान से अवैध रेत उत्खनन व परिवहन हो रहा है, वह क्षेत्र राजस्व के अंतर्गत आता है जिस पर राजस्व विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए । ५ बालाघाट जिले के चांगोटोला, गुडरू, चीनी, भीड़ी, घुनाड़ी, घंघरिया इत्यादि ग्रामो से विगत माह पूर्व 55 युवा रोजगार के लिए गुजरात के सूरत गए हुए थे। लॉक डाउन के चलते सभी बालाघाट सिवनी जिले के युवा आज भी सूरत मे फंसे हुए है जिनके पास अब न कुछ खाने के लिए बचा है और न ही अपने घर आ सकते है। जो सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी वीडियो को प्रशासन तक भेज रहे है कि सरकार उन्हे सूरत से वापस उनके घर तक छोड़ दे। ६ बालाघाट जिले के चांगोटोला क्षेत्र अंतर्गत वाटर फिल्टर प्लांट देवसर्रा से दर्जनों ग्रामों में पानी का वितरण किया जाता है । लेकिन हाल ही मे कोरोना संक्रामक बिमारी को देखते हुए वाटर प्लांट के कर्मचारी लापरवाही बरत रहे है वही बिना क्लोरीन का पानी सप्लाई किया जा रहा है।जब इस संबध में पानी की समस्या को लेकर वाटर प्लांट के इंचार्ज प्रदीप से बात किया गया तो उनके द्वारा यह बताया गया कि अभी लॉक डाउन की वजह से काफी कुछ समस्याएं हो रही है जिस कारण पानी देरी से दिया जा रहा है। ७ प्रदेश मे स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाने के लिए पूर्व मे कांगे्रस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के सभी जिलो में आरोग्य स्वास्थ्य केन्द्रो का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था। जिले की कुछ पंचायतो मे यह स्वास्थ्य केन्द्र बन तो गए लेकिन आदिवासी अंचलो की बात करें तो इस जगह पर ठेकेदारो की मनमानी के चलते आरोग्य स्वास्थ्य केन्द्र आज भी अधूरे पड़े हुए है। जिसका जीता जागता उदाहरण बालाघाट जिले के बैहर क्षेत्र स्थित ग्राम भंडेरी पंचायत मे देखने को मिला जहां पर आरोग्य स्वास्थ्य केन्द्र को ठेकेदार ने कागजो मे पूर्ण दिखाकर बीएमओं को सुपुर्द कर दिया। जबकि उक्त स्वास्थ्य केन्द्र मे टाईल्स और पत्थरो के अलाव लेबर रूम का भी कार्य अपूर्ण है। वही सम्बधित अधिकारियो का कहना है कि उक्त ठेकेदार से बाद मे लेबर रूम पूर्ण करने के लिए बात हो गई है।