अंतर्राष्ट्रीय
08-Oct-2020

अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए बहस हुई। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक पेंस के बीच साल्ट लेक सिटी में डिबेट हुई। हैरिस ने इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर जमकर हमला बोला। दोनों उम्मीदवारों ने बहस के दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर तीखा जुबानी हमला बोला। राष्ट्रपति ट्रंप के कोरोना संक्रमित होने के बाद यह बहस खासा अहम हो गई। इस बहस का संचालन पत्रकार सुजैन पेज ने किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कोविड-19 महामारी के लिए चीन को दोषी ठहराया, और कहा कि चीन ने दुनिया को जो कर दिया है उसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, "मुझे जो भी मिला है, मैं उसे आपके लिए भी लेना चाहता हूं और मैं इसे मुफ्त देने जा रहा हूं। आपको इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा। यह आपकी गलती नहीं है कि यह हुआ, यह चीन की गलती थी, और चीन को इसके लिए एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, इस देश में जो उन्होंने किया और जो उन्होंने इस दुनिया में कर दिया है।" अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद व्हाइट हाउस के अबतक 27 कर्मचारी इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ट्रंप से जुड़े ज्यादातर कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हैं। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष सहयोगी स्टीफन मिलर भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। मिलर ने मंगलवार को कहा, पिछले पांच दिन से मैं क्वारंटीन में हूं और सबसे दूर रहकर काम कर रहा हूं। कल तक किसी भी जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन आज रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से मैं क्वारंटीन में हूं। आज की तारीख में सबसे बड़ा सवाल यह नहीं है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना पॉजिटिव होने के बाद क्या सीखा। क्योंकि वे उन लोगों में शुमार हैं, जो कभी सीखते नहीं हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि बतौर नागरिक हमने क्या सीखा? इससे भी ज्यादा जरूरी यह कि ट्रम्प के समर्थकों ने क्या सीख हासिल की। दरअसल, ट्रम्प सुपरमैन नहीं, बल्कि सुपर स्प्रेडर हैं। महामारी के दौर में उनके नजरिए ने उनके साथ देश को भी खतरनाक तरीके से नुकसान पहुंचाया। अगर, फिर भी उन्हें दोबारा राष्ट्रपति चुना जाता है तो यह सामूहिक पागलपन के अलावा और कुछ नहीं होगा। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। 70 साल में पहली बार यहां नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। हमेशा गुलजार रहने वाला बर्लिन शहर अब शांत नजर आ रहा है। शनिवार से यहां रात 11 से सुबह 6 बजे तक किसी तरह की कारोबारी गतिविधियां नहीं होंगी। बार और रेस्टोरेंट्स पूरी तरह बंद रहेंगें। इसका उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है और पार्टी में शामिल होने वाले लोग इसका खतरा बढ़ा रहे हैं। यहां किसी भी हाल में पांच से ज्यादा लोग एक जगह नहीं जुट सकेंगे। डब्ल्यूएचओ ने यूरोप में संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर चिंता जाहिर की है। संगठन के मुताबिक, यहां साइंस के अलावा भी कुछ उपाय करने की जरूरत है ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके। डब्ल्यूएचओ के यूरोप प्रभारी हेन्स क्लग ने कहा- जो डेटा मिल रहा है वो वास्तव में चिंता में डालने वाला है। हम सिर्फ साइंस से हालात नहीं सुधार सकते। लोगों को साहस से काम लेना होगा। लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। कम्युनिटी लेवल पर लोगों को जागरूक करना होगा ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें। स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में हालात खराब होते जा रहे हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने 10 अक्टूबर को अपनी वर्कर्स पार्टी के 75वें स्थापना दिवस को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। बीते दो महीने की सैटेलाइट तस्वीरों में प्योंगयांग में हजारों सैनिकों और बख्तरबंद सैन्य वाहनों का मूवमेंट और नया निर्माण कार्य देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए किम जोंग उन अपनी सैन्य शक्ति दिखाकर इस मौके को भुनाना चाहेंगे। इस मौके पर उत्तर कोरिया पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। ताइवान का नेशनल डे 10 अक्टूबर को है। इससे पहले चीन ने भारतीय मीडिया को इसे देश के तौर पर पेश नहीं करने की सलाह दी है। दिल्ली स्थिति चीन के मिशन ने इसके लिए मीडिया हाउसेस को चिट्‌ठी लिखी है। इसमें लिखा है- हमारे मीडिया के दोस्त, आपको याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है। सिर्फ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन की सरकार ही पूरी दुनिया में चीन का प्रतिनिधित्व करती है।ताइवान को देश के तौर पर पेश नहीं किया जाए। इसकी राष्ट्रपति साई इंग-वेन को भी राष्ट्रपति न बताया जाए। इससे आम लोगों में गलत संदेश जाएगा। भारत और जापान ने साइबर सिक्योरिटी पर एक अहम समझौता किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी ने टोक्यो में इस समझौते पर साइन किए। अब दोनों 5 जी टेक्नोलॉजी और सूचना तकनीक से जुड़ी ढांचागत सुविधाएं तैयार करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। भारत-जापान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े कामों को मिलकर करने पर भी सहमति बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव से पहले एच-1बी वीजा से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया। इनसे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की मुश्किल बढ़ सकती है। इसमें भत्तों से जुड़े पारामीटर्स बढ़ा दिए गए हैं। कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने की शर्तों में बदलाव किए गए हैं। व्हाइट हाउस ने फ्रॉड डिटेक्शन फोर्स को ज्यादा अधिकार दिया है। इससे अब वीजा मंजूरी से पहले होने वाली जांच ज्यादा सख्त हो जाएगी। व्हाइट हाउस के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने एच1बी वीजा से जुड़े दो इंटैरिम फाइनल रुल्स (आईएफआर) के जरिए ये बदलाव किए हैं क्लाइमेट चेंज सर्विस कॉपरनिकस के मुताबिक, इस साल सितंबर महीना दुनिया में अब तक का सबसे गर्म महीना रहा। यह पिछले साल के सितंबर की तुलना में 0.05 सेल्सियस ज्यादा गर्म था। यूरोपियन यूनियन का अर्थ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम कॉपरनिकस ने कहा कि साइबेरियन आर्कटिक में भी तापमान औसत से ऊपर बनी हुई है। कहा जा रहा है कि यह साल यूरोप के लिए भी रिकॉर्ड सबसे गर्म साल है, भले ही तापमान अभी से कुछ ठंडा हो। फ्रांस में भी 15 सितंबर के बाद रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी। ब्लैक सी के पास बेमौसम गर्म वेदर देखा गया। पश्चिम एशिया में तुर्की, इजराइल और जॉर्डन में भी रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया। स्वीडन की नोबेल कमेटी ने बुधवार को दो महिला वैज्ञानिकों इमैनुएल शारपेंतिए ( फ्रांसीसी मूल की प्रोफेसर) और जेनिफर डौडना (अमेरिका) को रसायन का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया है। दोनों वैज्ञानिकों ने जेनेटिक सीजर की अहम खोज की है। इसके जरिए जानवरों, पौधों, माइक्रोऑर्गेनिज्म के डीएनए में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा। 5 अक्टूबर को मेडिसिन और 6 अक्टूबर फिजिक्स के नोबेल अवॉर्ड का ऐलान हो चुका है। इटली के स्वास्थ्य मंत्री रोबेर्टो स्पेरेंजा ने कहा कि देश में इमरजेंसी 31 जनवरी तक बढ़ाया जाएगा। सरकार इमरजेंसी के तहत कोरोना को लेकर कोई फैसला करने के लिए संसद से इजाजत लेने के लिए बाध्य नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में घर से बाहर मास्क पहनना जरूरी होगा। कोरोना से बचाव के लिए यह बेहद जरूरी है। शुक्रवार से यह नियम लागू कर दिया जाएगा। यहां 3.27 लाख से ज्यादा मरीज हैं।


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