मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की मनमानी का मामला सामने आया है जहां एक प्रसूता लगभग 5 घंटे तक तड़पती रही लेकिन हॉस्पिटल के कर्मचारियों द्वारा उसे भर्ती नहीं किया गया, जिसके कारण जच्चा और बच्चा की जान पर बन आई, प्रसूता के परिजन सीहोर के बाजार बरखेड़ा के निवासी नारायण गुर्जर ने बताया कि प्रसूता वर्षा गुर्जर की डिलीवरी के लिए लगभग शाम 6:00 बजे से सीहोर के जिला चिकित्सालय में आए हुए थे परंतु रात के 11:00 बजे तक प्रसूता महिला को भर्ती नहीं किया गया, डॉक्टरों एवं नर्स द्वारा कई प्रकार के बहाने बनाए गए, इसके बाद चार-पांच घंटे बाद महिला के परिजनों से बोल दिया गया कि प्रसूता की हालत खराब है भोपाल ले जाना पड़ेगा, महिला को भोपाल रेफर करने के लिए बमुश्किल एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई परंतु प्रसूता की हालत ज्यादा खराब होने के कारण महिला के परिजनों ने महिला को मजबूरन सीहोर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा,