केंद्र सरकार खेती-किसानी के क्षेत्र में सुधार के लिए तीन विधेयक (बिल) लाई है। इन विधेयकों को लोकसभा पारित कर चुकी है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से देश में किसानों का प्रदर्शन जारी हो गया है। इस बिल से एक बात स्पष्ट है कि इसके लागू होने से किसानों पर जीएसटी सहित तमाम तरह के टैक्स लग जाएंगे। दूसरी बात किसानों के साथ धोखाधड़ी होगी। तीसरी बात बिल तो आ गई है, लेकिन इसमें किसानों के साथ अन्याय होने पर उसकी जिम्मेदारी या भुगतान कौन करेगा यह तय नहीं है। सूत्र बताते है कि किसानो का कहना है कि खेती को सेवा का दर्जा जो दिया जा रहा है, जैसा कि बिल में ही है, उससे बहुत कुछ नुकसान होगा। सेवा सेक्टर जीएसटी के दायरे में आता है। और इसके तहत 18 प्रतिशत जीएसटी किसानों पर लगाया जाएगा। खेती को कॉर्पोरेट के जरिए अब चलाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर का लंदन स्थित फ्लैट जब्त कर लिया है। जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है। इस फ्लैट की कीमत 127 करोड़ रुपए है। राणा कपूर, उनके परिवार और अन्य पर 4,300 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। राणा कपूर का यह फ्लैट लंदन के साउथ आउडली स्ट्रीट पर है। इसे उन्होंने 2017 में 93 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसका रजिस्ट्रेशन डॉयट क्रिएशंस जर्सी लिमिटेड के नाम है। राणा इसके बेनिफिशियल ऑनर हैं। टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने 20 हजार करोड़ रुपए के टैक्स विवाद के मामले में भारत सरकार को हराकर केस जीत लिया है। कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि उसे सिंगापुर के एक इंटरनेशनल कोर्ट में 12 हजार करोड़ रुपए के बकाए और 7,900 करोड़ रुपए के जुर्माने के मामले में भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली है। वोडाफोन के लिए यह बहुत ही राहत की बात है, क्योंकि कंपनी को भारत में 53 हजार करोड़ रुपए एजीआर के तौर पर अगले दस साल तक चुकाने हैं। सरकारी तेल कंपनियों ने आज फिर लोगों को राहत देते हुए डीजल के दामों में कटौती की है। आज डीजल के दाम में 15 से 17 पैसे तक की कमी की गई है। हालांकि पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसकी कीमतों में पिछले चार दिनों से कोई फेरबदल नहीं हुआ है। आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 81.06 रुपए और डीजल 70.94 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। इससे पहले शुक्रवार को भी पेट्रोल के दामों में कटौती की गई थी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 545.03 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह अब तक का सर्वोच्च स्तर है। 18 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में 3.378 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है। इसके पहले वाले हफ्ते में यह आंकड़ा 541.660 अरब डॉलर था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.651 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चेन्नई पुलिस के इकोनॉमिक अफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन (एफटी) म्यूचुअल फंड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। यह एफआईआर फ्रैंकलिन टेंपल्टन असेट मैनेजमेंट इंडिया प्रा. लि. और फ्रैंकलिन टेंपल्टन ट्रस्टी सर्विसेस प्रा.लि. के खिलाफ दर्ज की गई है। साथ ही कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में एमडी संतोष दास कामथ, सीआईओ संजय सप्रे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। गैस कीमत में भारी गिरावट के बीच सरकार देश में उत्पादन की जाने वाली प्राकृतिक गैस का निचला स्तर (फ्लोर प्राइस) फिक्स करने पर विचार कर रही है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि इस कवायद का मकसद ऑयल एंड नेचुरल गैस (ओएनजीसी) जैसी गैस उत्पादक कंपनियों की कारोबारी हालत में सुधार करना है। गैस उत्पादक कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज किया गया। पबजी के भारत में वापसी के रास्ते खुलते नजर आ रहे हैं। पबजी कॉर्पोरेशन, रिलायंस जियो के साथ भारत में बेटल रॉयल गेम 'पबजी' को वापस लाने के लिए बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि बातचीत फिलहाल शुरुआती चरण में है और दोनों कंपनियों के अधिकारी इस बात का विवरण दे रहे हैं कि इस सौदे को कैसे संरचित किया जा सकता है। भारत सरकार ने 2 सितंबर को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत पबजी समेत 118 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक बड़ा खुलासा किया है। इसके मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मिले पैसों का सही उपयोग सरकार नहीं कर रही है। केंद्र सरकार ने 47,272 करोड़ रुपए का गलत तरीके से उपयोग किया है। जबकि यह पैसा राज्यों को मिलना चाहिए था। कैग ने अपने नोट में कहा है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में 47,272 करोड़ की राशि दूसरे उद्देश्यों के लिए खर्च किया। कायदे से यह पैसा जीएसटी कंपेनसेशन या रेवेन्यू में नुकसान के लिए राज्यों को दिया जाना चाहिए था क्योंकि साल 2017 से जीएसटी को अमल में लाया गया है। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। यह जीएसटी कंपेनसेशन सेस एक्ट 2017 का सीधा उल्लंघन है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। देश में एडवांस्ड बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वालों को सरकार 4.6 बिलियन डॉलर करीब 33 हजार करोड़ रुपए का इंसेंटिव देगी। पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने बैटरी निर्माता कंपनियों को इंसेंटिव देने के संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है।