1 शहर में लगभग हर दिन कोरोना संक्रमितों का ग्राफ जहां बढ़ रहा है तो वहीं अब मानसून की आमद के साथ ही मलेरिया, डेंगू सहित अन्य बीमारियों का अंदेशा भी बढने लगा है परंतु नगर निगम के जिम्मेदार अब तक अपनी पुरानी कार्यशैली के तहत प्यास लगने पर ही कुंआ खोदने की तैयारी करेंगे। आज हालात यह हैं कि करोड़ों रुपये शहर की सफाई व्यवस्था पर फंूकने के बाद भी हर वार्ड में गंदगी का अंबार लगा है। किसी भी वार्ड में सौ फीसद साफ सफाई का दावा नहीं किया जा सकता। डोर टू डोर के हाल किसी से छिपे नहीं हैं। गली कूचों ही नहीं वरन मुख मार्गों पर ही जहां तहां कचरे के ढेर शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं। 2 जबलपुर शराब दुकानों का मनमानी चलते हुए कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि अभी 18 तारीख को टेंडर होने वाले हैं और अभी वर्तमान में 64 दुकानें चल रही हैं 18 तारीख को टेंडर होने के बाद निश्चित रूप से सारी दुकानें खोली जाएंगी 3 सड़क पर मकान निर्माण सामग्री डालने वालों के विरुद्ध कार्यवाही एवं जुर्माने का प्रावधान है। इसके लिए नगर निगम में एक अमला भी है। यह अमला सो रहा है या गफलत में है इसका जीता जागता नमूना लेबर चौक गढ़ा रोड है। लेबर चौक से गढा की तरफ सीधे हाथ पर डाक विभाग का एक बड़ा सा बॉक्स लगा हुआ है। इस बाक्स के पीछे एक मकान बन रहा है। मकान निर्माता ने इस बाक्स के आगे पीछे इस तरह से रेत गिट्टी व अन्य सामान फैला दिया है कि बक्से के पास जाना मुश्किल हो गया है। लोगो को अपनी डाक इस बाक्स में डालने के लिए रेत एवं गिट्टी पर चढना पड़ता है। या फिर उन्हे अपने हाथ से अलग करने मेहनत करनी पड़ती है। इस क्षेत्र से थोड़ी देर पर ही नगर निगम का संभाग आफिस भी है। 4 कोरोना वायरस ने सामाजिक दूरी को इस कदर बढ़ा दिया है कि अब व्यक्तियों अपने परिजनों, दोस्त-मित्रों से दूरी बनाना अनिवार्य जीवन की शर्त सी हो गई है। न हम किसी का स्वागत कर सकते हैं, न खातिरदारी कर सकते हैं, न ही उसकी विदायी। सब कुछ वर्चुअल ही होगा। देह की दूरी की अनिवार्यता ने सामाजिकता को ही दरकिनार करना शुरू कर दिया है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर आईसीएमआर तक से जारी होने वाली हेल्थ गाइडलाइन का पालन करना हर किसी को जरूरी है। ऐसे में रेलवे भला कैसे पीछे रह जाता। लिहाजा रेल प्रशासन ने भी सख्त नियम बना दिए हैं। इसके तहत अब कोई भी व्यक्ति किसी अपने को विदा करने या उसका स्वागत करने को रेलवे स्टेशन पर नहीं जा सकेगा। 5 कोरोना संकट काल और लॉकडाउन का असर भवन निर्माण के साथ रियल एस्टेट कारोबार पर भी पड़ा है। लॉकडाउन ओपन होने के बाद गिट्टी, रेत सहित अन्य निर्माण सामग्री के दाम बढ़ गए हैं। इससे आशियाना बनाना मुश्किल हो रहा है। आलम यह है कि कई लोगों ने निर्माण को चार महीने के लिए टाल दिया है। लॉकडाउन ओपन होने के बाद सीमेंट के दाम 40-50 रुपए प्रति बोरी बढ़ गए हैं। 6 बुधवार को जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने गेहूं खरीदी में हम्मालों का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने वाले सहकारिता निरीक्षक को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि समिति प्रबंधक गाडरवारा मुलाम पटेल पिता सरदार सिंह पटेल उम्र 54 साल ने मामले में शिकायत की थी कि शैलेंद्र सिंह भाटी पिता चंद्रभान सिंह भाटी, सहकारिता निरीक्षक कार्यालय, उप-आयुक्त सहकारी संस्थाएं नरसिंहपुर द्वारा गेंहू खरीदी के दौरान हम्माली मजदूरी की राशि जो समिति प्रबंधक के द्वारा सेल्समैन को दी जाती है में कमीशन के रूप में 10 हजार की मांग की जा रही है। शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम गाडरवारा पहुंची और मंडी में रिश्वत की राशि लेते हुए सहकारिता निरीक्षक को रंगे हाथों पकड़ लिया। 7 जबलपुर, शहर के मध्य क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था बुरी तरह लडखड़ा गई है। जरा सी हवा या बारिश से बिजली ट्रिपिंग होने लगती है। कभी कभी तो एक घंटे, दो घंटे में विद्युत व्यवधान होता है। कांचघर स्थित ईस्ट संभाग के आफिस फोन करने पर बताया जाता है कि मामूली फाल्ट आ गया है सुधार कार्य जारी है। पिछले दिनो शाम को दो-तीन घंटे तक क्षेत्र में बिजली बंद रही। सुबह भी 6 बजे से जो बिजली गई तो नौ-साढ़े नौ बजे उसकी वापसी हो पाई। बडा फुहारा, कमानिया, सराफा, कोतवाली, तमरहाई, मिलौनीगंज, हनुमानताल, दीक्षितपुरा, उपरैनगंज, बल्देवबाग दमोहनाका आदि क्षेत्र में लगातार बिजली व्यवस्था पटरी से उतर रही है 8 नगर-निगम में फर्जी डिग्री और जाति प्रमाण पत्र के दम पर नौकरी पाने वालों फौज बड़ी है। जानकर हैरानी होगी कि यहां पर प्रथम श्रेणी अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जुगाड़ कर लंबे समय से नौकरी कर रहे हैं। न्यायालय के आदेश के बाद भी मामले को दबा दिया गया और फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता एके सिंह ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जो जानकारी निकाली है, वह चौंकाने वाली है। उनके मुताबिक यहां पर पदस्थ तीन प्रथम श्रेेणी अधिकारी, 15 सबइंजीनियर और 700 से अधिक तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। 9 जिले के बरगी विधानसभा के कई ग्रामों में इन दिनों पेयजल संकट बना हुआ है। यहां हजारों ग्रामीण पेयजल संकट के कारण पलायन करने को मजबूर हैं।जल स्तर गिरने से यहां हैंडपंपों से पानी निकलना बंद हो गया है । इलाके के पारंपरिक जल स्रोतों में भी पानी नहीं है । ऐसे में लोगों को अब मानसून से ही उम्मीद है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत चिरापोंडी के नकटिया गांव के इन आदिवासियों को गंदा और दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पानी की कमी के कारण मवेशियों पर भी संकट मंडरा रहा है। कई ग्रामीण अपने मवेशियों को लेकर दूसरे क्षेत्र में पलायन कर गए हैं। हैरानी इस बात की है कि परेशान ग्रामीण पीएचई व जनपद कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं। यह क्षेत्र वर्तमान में कांग्रेस से विधायक संजय यादव की विधानसभा में आता है। 10 थाना रांझी में आपसी रंजिश को लेकर बलवा कर तलवार से प्राणघातक हमला करने वाले 5 आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है ।पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा द्वारा घटित हुई घटना को गम्भीरता से लेते हुये आरोपियों की अविलम्ब गिरफ्तारी हेतु आदेशित किये जाने पर अति. पुलिस अधीक्षक शहर उत्तर श्री अगम जैन एवं नगर पुलिस अधीक्षक रांझी श्री धर्मेश दीक्षित के मार्ग निर्देशन मे टीम गठित की गयी है। गठित टीम द्वारा हर सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी।