राष्ट्रीय
09-Sep-2020

1 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इराक और अफगानिस्तान से कुछ और अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान कर सकते हैं। इन दोनों देशों में कुल मिलाकर करीब 14 हजार अमेरकी सैनिक तैनात हैं। ट्रम्प के इस कदम को सियासी लिहाज और नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, कुछ दिनों पहले ‘अटलांटिक मैगजीन’ ने दावा किया था कि ट्रम्प ने दो साल पहले फ्रांस में प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के स्मारक पर जाने से इनकार कर दिया था। आर्टिकल के मुताबिक- शहीद सैनिकों को ट्रम्प ने हारे हुए सैनिक कहा था। 2 अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को उपराष्ट्रपति अमारूल्ला सालेह के काफिले पर बम से हमला हुआ। हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि उनके बॉडीगार्ड समेत 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। गृह मंत्रालय ने बताया कि शुरू में दो लोगों की जान गई थी, जो बढ़कर 10 हो गई। हमले में पहले उपराष्ट्रपति अमरतुल्लाह सालेह को हल्की चोट आई है। बम धमाका तब हुआ, जब उपराष्ट्रपति का काफिला गैस सिलेंडर की एक दुकान के पास से गुजर रहा था। धमाके से आसपास की कई दुकानों में आग लग गई। 3 अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सरकारी तौर पर शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति यानी प्रेसिडेंट नहीं कहा जाना चाहिए। बिल के मुताबिक, चीन में लोकतंत्र नहीं है और न ही, जिनपिंग लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं। लिहाजा, अमेरिका उन्हें राष्ट्रपति कहना बंद करे। तकनीकी तौर पर बिल में कही गई हर बात सही है। दरअसल, 1980 के पहले किसी चीनी शासन प्रमुख को प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति नहीं कहा जाता था। इतना ही नहीं, चीन के संविधान में भी ‘राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट’ शब्द नहीं है। 4 चुनावी फंड के मामले में डोनाल्ड ट्रम्प कुछ वक्त पहले तक जो बाइडेन से आगे थे। यह उनके लिए फायदेमंद था। ठीक वैसे ही जैसे 2012 में बराक ओबामा और 2004 में जॉर्ज बुश के कैम्पेन में हुआ था। 2016 में प्रचार के दौरान ट्रम्प ने काफी खर्च किया था। इस चुनाव की शुरुआत में भी वे मजबूत दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जब ये माना जा रहा था कि जो बाइडेन डेमोक्रेट कैंडिडेंट होंगे, तब रिपब्लिकन पार्टी के पास 20 करोड़ डॉलर का कैश एडवांटेज था। अब उनकी बढ़त खत्म हो चुकी है। 2019 में कैम्पेन की शुरुआत से जुलाई तक ट्रम्प की कैम्पेन टीम के पास 1.1 अरब डॉलर (करीब 8115 करोड़ रुपए) थे। 5 ब्रिटेन सरकार ने इंग्लैंड में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने पर नियम सख्त किए हैं। अब यहां पर एक साथ छह लोग नहीं जुट सकेंगे। पीएम बोरिस जॉनसन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। इंग्लैंड में पिछले तीन दिनों में संक्रमण के 8500 मामले आए हैं। इससे यहां कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। पूरे ब्रिटेन की बात करें तो यहां अब तक 3.52 लाख से ज्यादा मामले आए हैं और 41 हजार से ज्यादा की जान चुकी है। 6 पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में ईसाई व्यक्ति को सजा-ए-मौत का ऐलान किया गया। मामला लाहौर का है। यहां की अदालत ने 37 साल के आसिफ परवेज को फांसी की सजा सुनाई है। आसिफ 2013 से जेल में बंद है। अलजजीरा वेबसाइट के मुताबिक आसिफ एक फैक्ट्री में काम करता था। वहां के सुपरवाइजर मुहम्मद सईद खोखर ने उसके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत की थी। आरोप था कि आसिफ ने उसे इस्लाम विरोधी मैसेज किए। 7 श्रीलंका में मर्डर के मामले में मौत की सजा पाने वाला नेता ने मंगलवार को सांसद के तौर पर शपथ ली। 45 साल के प्रेमालाल जयशेखरा श्रीलंका की सत्तारूढ़ श्री लंका पोडुजन पार्टी (एसएलपीपी) के नेता है। उन्हें 2015 में एक चुनावी रैली के दौरान विरोधी पार्टी के एक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी साल जुलाई में जयशेखरा को मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, कोर्ट का यह फैसला उनके पर्चा दाखिल करने के बाद आया, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी गई। जयशेखरा ने जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ा और जीत गए। 8 लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना के एक्शन से बौखलाए चीन के सरकारी अखबार ने भारत को धमकी दी। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- भारत ओवर कॉन्फिडेंस में है। चीन की सेना और लोगों को उकसा रहा है। भारतीय सैनिकों ने गैरकानूनी तरीके से एलएसी क्रॉस की। उसके सैनिक दोनों देशों के समझौते तोड़कर वॉर्निंग फायर कर रहे हैं। ऐसा 45 साल बाद पहली बार हुआ है। वे दिखाना चाहते हैं कि वे बंदूक के इस्तेमाल को लेकर हुए पुराने समझौते को नहीं मानते। अगर ऐसा है, तो दोनों देशों को बॉर्डर पर खूनी युग के एक नए दौर के लिए तैयार हो जाना चाहिए।


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