व्यापार
30-Sep-2020

1 सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा को एक महीने बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट किया, ‘आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर चुनाव आयोग से उचित मंजूरी हासिल करने के बाद सरकार ने जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर 9सी के तहत वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है।’ 2 सरकार ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रारंभिक बोली जमा करने की समयसीमा डेढ़ महीने बढ़ाकर 16 नवंबर तक कर दी है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, ‘‘इच्छुक बोलीदाताओं (आईबी) के अनुरोध और कोविड-19 महामारी से पैदा हुई मौजूदा स्थितियों को देखते हुए अभिरुचि पत्र जमा करने की अंतिम तारीख को आगे 16 नवंबर 2020 (शाम पांच बजे) तक बढ़ा दिया गया है।’’ 3 ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन इंडिया ने बुधवार को कहा कि त्योहारी मौसम से पहले उसने अपने परिचालन नेटवर्क में एक लाख से अधिक अस्थाई रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां त्यौहारों के दौरान बिक्री में होने वाली बढ़ोतरी को संभालने के लिए अस्थाई आपूर्ति और अन्य सहायक भूमिकाओं के लिए हजारों लोगों को नियुक्त करती हैं। ऐमजॉन इंडिया ने इस साल मई में अपने परिचालन नेटवर्क और ग्राहक सेवा केंद्रों में रोजगार के लगभग 70,000 अस्थाई अवसरों का सृजन किया था। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने अपने साझेदार नेटवर्क के जरिए लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके भी तैयार किये हैं। 4 जियो प्लैटफॉर्म्स में विनिवेश के बाद अब मुकेश अंबानी रिलायंस के रीटेल बिजनस में विनिवेश कर रहे हैं। अब तक तीन निवेशक रिलायंस के रीटेल बिजनस में निवेश कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अबूधाबी स्टेट फंड मुबाडला इन्वेस्टमेंट भी रिलायंस रीटेल में 1 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। इससे पहले उसने जियो प्लैटफॉर्म्स में भी निवेश किया था। मुबाडला इन्वेस्टमेंट ने जियो प्लैटफॉर्मस में 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया था। 5 भारत के रीटेल सेक्टर में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है और विश्व की तमाम बड़ी कंपनियां इस रेस में शामिल होना चाहती हैं। ऑनलाइन रीटेल की बात करें तो वॉलमार्ट की अधिग्रहण वाली फ्लिपकार्ट और को जीयोमार्ट कड़ा टक्कर दे रहा है। पिछले दिनों एक खबर आई थी कि टाटा ग्रुप भी रीटेल सेक्टर में बहुत बड़े पैमाने पर निवेश करेगा और इस साल के अंत तक एक सुपर ऐप लेकर आएगा। 6 सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने चालू वित्त वर्ष में परिचालन से 98,000 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। साथ ही कंपनी की अपने खदानों से 1.5 करोड़ टन कोयला उत्पादन की योजना बनायी है। बिजली उत्पादक कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि बिजली मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के अनुसार एनटीपीसी ने 2020-21 में 340 अरब यूनिट बिजली उत्पादन का भी लक्ष्य रखा है। 7 बुधवार को कारोबार के तीसरे दिन बीएसई 94.71 अंक ऊपर 38,067.93 पर और निफ्टी 4.10 अंक ऊपर 11,226.50 पर बंद हुआ। बाजार में फार्मा और एफएमसीजी शेयरों में तेजी रही। फार्मा शेयर डॉ. रेड्‌डीज का शेयर 2 फीसदी ऊपर बंद हुआ। डाबर और नेस्ले इंडिया के शेयरों में 2-2 फीसदी की बढ़त रही। निफ्टी में टेक महिंद्रा और टाइटन के शेयरों में 2-2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त रही। आज सरकारी कंपनी बीपीसीएल के शेयर पर नीलामी की खबर का असर रहा और शेयर 9 फीसदी की गिरावट रही। 8 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रहा है। यह बदलाव आपके इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन से जुड़े हैं। इसे 30 सितंबर 2020 यानी आज रात से लागू कर दिया जाएगा। साथ ही डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली कुछ खास सर्विसेज को बंद कर दिया जाएगा। मतलब 1 अक्टूबर से यह सर्विस आपको नहीं मिलेगी। 9 प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक पार्टनर्स ने रिलायंस रिटेल में 3,675 करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है। इस एवज में उसे रिलायंस रिटेल में 0.84 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। रिलायंस रिटेल में यह तीसरा निवेश है। यह निवेश 4.28 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू पर किया जाएगा। यह जानकारी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है। अटलांटिक ने जियो प्लेटफॉर्म में 6,598 करोड़ रुपए का निवेश किया था। 10 देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में सरकार 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। आज के वैल्यूएशन पर इतनी हिस्सेदारी बिकने पर सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। हालांकि यह बिक्री की प्रक्रिया कई चरणों में की जाएगी। जानकारी के मुताबिक सरकार बजट के अंतर को कम करने के लिए एलआईसी में इतनी ज्यादा हिस्सेदारी बेचना चाहती है। हालांकि सरकार को आईपीओ से पहले संसद के एक्ट को बदलना होगा। क्योंकि एलआईसी का गठन इसी एक्ट के तहत किया गया था।


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