क्षेत्रीय
दिवाली के दूसरे दिन उज्जैन के बड़नगर तहसील के भीडावद गांव में सदियों से चली आ रही एक परंपरा लोगो के न सिर्फ रोंगटे खड़े कर देती है बल्कि देखने वालो के दिल भी दहल जाते है चार हज़ार की आबादी वाले भीडावद गाव में दीपावली के दुसरे दिन दर्जनों लोग मन्नते लेकर सेकड़ो गायों के पेरो तले रोंदने के लिए लेट जाते है कुछ ही पलो में सेकड़ो गाये जमीं पर लेटे लोगो के ऊपर से गुजर जाती हे. इस मंज़र को देखने के लिए हर साल इस गाव में हजारो लोग जमा होते हे मान्यता हे की ऐसा करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हे इसलिए यहाँ के लोग गायो के नीचे लेट जाते हे।