व्यापार
28-Sep-2020

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है. आरबीआई ने एक जनवरी 2021 से चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay system) शुरू करने की बात कही है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.. पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत 50,000 रुपये से अधिक भुगतान वाले चेक के लिए महत्वपूर्ण ब्योरे के बारे में दोबारा से पुष्टि करने की जरूरत होगी. इस सिस्टम में चेक जारी करने वाले को एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम जैसे इलेक्ट्रॉनिक मध्यम से चेक के बारे में कुछ न्यूनतम ब्योरा देना होगा. इसमें तारीख, लाभार्थी के नाम, प्राप्तकर्ता (पेई) और राशि के बारे में जानकारी देनी होगी. इस ब्योरे का चेक के भुगतान के लिये प्रस्तुत करने से पहले मिलान किया जाएगा. अगर कोई विसंगति पाई जाती है, उसकी जानकारी भुगतानकर्ता बैंक और प्रस्तुत करने वाले बैंक को दे दी जाएगी. इसे दुरूस्त करने के लिये कदम उठाये जाएंगे. सोमवार को कारोबार के पहले दिन अच्छे ग्लोबल संकेतों के चलते घरेलू बाजार बढ़त के साथ खुला है। बीएसई 367.59 अंक ऊपर 37,756.25 पर और निफ्टी 90 अंक ऊपर 11,140.85 के स्तर पर खुला। बाजार में ऑटो और बैंकिंग शेयरों में शानदार तेजी है। इसमें टाटा मोटर्स का शेयर 3 फीसदी और एक्सिस बैंक का शेयर 2 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में बजाज फाइनेंस और अदानी पोर्ट के शेयरों में 3-3 फीसदी से ज्यादा की बढ़त है। सरकारी तेल कंपनियों ने आज लगातार चौथे दिन डीजल के ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। आज डीजल के दाम 9 से 10 पैसे तक घट गए हैं। पेट्रोल के दाम में आज भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेट्रोल के दाम पिछले 6 दिनों से स्थिर चल रहे हैं। आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 81.06 रुपए और डीजल 70.71 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। इससे पहले रविवार को भी डीजल के दाम में 14 से 16 पैसे तक की कटौती की गई थी। वित्त मंत्रालय मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 20,000 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दे सकता है। दरअसल, सरकार ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए संसद से कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है। इसके मद्देनजर हाल ही में समाप्त संसद सत्र में 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले चरण के तहत सरकारी बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की मदद की मंजूरी मिली है। कतर एयरवेज समूह ने रविवार को मार्च में समाप्त कारोबारी साल में 1.9 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया। कंपनी ने इस घाटे के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया। इनमें चार अरब देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन और मिस्र द्वारा कतर का बायकॉट, कोरोनावायरस महामारी और एयर इटली का लिक्विडेशन भी शामिल हैं। देश में क्रूड स्टील का उत्पादन अगस्त 2020 में 4 फीसदी से ज्यादा घटकर 84.78 लाख टन रह गया। यह बात वश्विक उद्योग संघ वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (वर्ल्डस्टील) ने एक ताजा रिपोर्ट में कही। पिछले साल की समान अवधि में देश में 88.69 लाख टन क्रूड स्टील का उत्पादन हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि वैश्विक स्टील उत्पादन में सुधार दिखना शुरू हो गया है। वर्ल्डस्टील की रिपोर्ट में शामिल 64 देशों में क्रूड स्टील का उत्पादन पिछले महीने 0.6 फीसदी बढ़कर 15.6244 करोड़ टन रहा। हालांकि कोरोनावायरस महामारी से जुड़ी कठिनाइयों के कारण अगस्त के अधिकांश आंकड़े अनुमानों पर आधारित हैं, जिसमें बाद में संशोधन हो सकता है। कोरोनावायरस महामारी का देश के प्रमुख बंदरगाहों के परफॉर्मेंस पर भी बेहद बुरा असर पड़ा है। इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) के आंकड़ों के मुताबिक कंटेनर कार्गो की ढुलाई अप्रैल से अगस्त के बीच करीब 25 फीसदी घट गई। टीईयू (ट्वेंटी फुट इक्विवेलेंट यूनिट) के हिसाब से प्रमुख 12 बंदरगाहों पर कंटेनर कार्गो की ढुलाई इस दौरान 25.01 फीसदी घटकर 32.5 लाख यूनिट रह गई। टन के हिसाब से इस दौरान कंटेनर कार्गो 22.45 फीसदी घटकर 4.926 करोड़ टन रह गया। एक साल पहले की समान अवधि में इन बंदरगाहों पर कंटेनर की ढुलाई 43.4 यूनिट और टन के हिसाब से 6.353 करोड़ टन थी। आईपीए इन 12 बंदरगाहों का संचालन करता है और उनके आंकड़े रखता है। डिपॉर्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने 24 प्रमुख सेक्टरों का चयन किया है। इन सेक्टर्स से जुड़े मंत्रालयों को देश को आत्मनिर्भर बनाने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक एक्शन प्लान पर कार्य करने को कहा गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। डीपीआईआईटी ने फूड प्रोसेसिंग, टॉयज, फर्नीचर, एग्रो कैमिकल्स, टैक्सटाइल्स, ऑर्गेनिक फार्मिंग, आयरन, एल्युमिनियम एंड कॉपर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी, लेदर एंड शूज और ऑटो पार्ट्स जैसे प्रमुख सेक्टर का चयन किया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अब तक भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और डेट बाजार) से शुद्ध 476 करोड़ रुपए निकाल लिए। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजार से तो शुद्ध निकासी की लेकिन डेट बाजार में शुद्ध निवेश किया। विदेशी निवेश के इस रुझान का मतलब यह है कि यूरोप और अन्य देशों में कोरोनावायरस संक्रमण में फिर से हो रही बढ़ोतरी के कारण विदेशी निवेशक सावधानी बरत रहे हैं। डिपॉजिटरी के डाटा के मुताबिक 1-25 सितंबर तक एफपीआई ने शेयर बाजार में 4,016 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री की। इसी अवधि में उन्होंने डेट बाजार में 3,540 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। इस तरह से उन्होंने नेट आधार पर भारतीय बाजार से 476 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी कर ली। केंद्र सरकार फेस्टिव सीजन में उपभोक्ताओं के हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए एक और वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस पैकेज की घोषणा नवरात्र के आसपास हो सकती है। नवरात्र को देश का सबसे बड़ा खरीदारी सीजन माना जाता है। इस पैकेज का मकसद दिवाली तक अर्थव्यवस्था में रिकवरी लाना है। इस पैकेज के जरिए कमाई कम होने की मार झेल रहे नौकरीपेशा, प्रवासी मजदूरों और छोटे कारोबारों के हाथ में पैसा दिया जाएगा। इससे कंपनियों की मांग बढ़ेगी। कई एक्सपर्ट्स ने यह उम्मीद जताई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल वेंचर रिलायंस रिटेल में वही कंपनियां निवेश कर सकती हैं, जिन्होंने जियो प्लेटफॉर्म में निवेश किया था। सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में जनरल अटलांटिक और टीपीजी निवेश कर सकती हैं। फिलहाल दो कंपनियों ने रिलायंस रिटेल में निवेश किया है। बता दें कि अभी तक रिलायंस रिटेल में सिल्वर लेक ने 7,500 करोड़ और केकेआर ने 5,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह दोनों वही कंपनियां हैं, जिन्होंने रिलायंस जियो में निवेश किया था। सिल्वर लेक का तो पैसा भी रिलायंस के पास आ गया है। वैश्विक स्तर के प्रमुख प्राइवेट इक्विटी फंड इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज पर भरोसा जता रहे हैं और इसीलिए रिलायंस की दूसरी कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी अर्थव्यवस्था 12.6 फीसदी तक फिसलने का अनुमान है। जीडीपी को प्री-कोविड लेवल तक पहुंचने में 2 साल या उससे अधिक का समय लग सकता है। नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनॉमी रिसर्च ने इकोनॉमी में सुधार के लिए 1991 जैसे कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। इससे पहले 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट देखी गई थी।


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