व्यापार
25-Sep-2020

लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी बुधवार को तीन लेबर कोड पारित कर दिए. अब इनके कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है. नई व्यवस्था के तहत 29 केंद्रीय कानून अब चार लेबर कोड में समाहित कर दिए हैं. अब फिक्स्ड टर्म के तहत नौकरी पाने वालों को भी पर्मानेंट कर्मचारियों जैसी ही सभी सुविधाएं और एक साल में ही ग्रेच्युटी भी मिलेगी. न्यूनतम मजदूरी को सभी कामगारों का अधिकार बना दिया गया है. नए कानून के तहत सभी कर्मचारियों को अपॉइंटमेट लेटर मिलेगा. कॉन्ट्रैक्टर को मजदूरी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के जरिये देना होगा. अब फिक्स्ड टर्म के तहत नौकरी पाने वालों को भी पर्मानेंट कर्मचारियों जैसी ही सभी सुविधाएं और एक साल में ही ग्रेच्युटी भी मिलेगी. न्यूनतम मजदूरी को सभी कामगारों का अधिकार बना दिया गया है. नए कानून के तहत सभी कर्मचारियों को अपॉइंटमेट लेटर मिलेगा. कॉन्ट्रैक्टर को मजदूरी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के जरिये देना होगा. शुक्रवार को कारोबार के आखिरी दिन बीएसई 438.29 अंक ऊपर 36,991.89 पर और निफ्टी 104.85 अंक ऊपर10,910.40 के स्तर पर खुला। अदानी पोर्ट और टीसीएस के शेयर में 3-3 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहे हैं। आयशर मोटर और हिंडाल्को के शेयरों में भी 2-2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त है। गिरने वाले शेयर में कोटक बैंक का शेयर 1 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। कल बाजार में भारी बिकवाली रही। बीएसई 1114.82 अंक (2.96%) नीचे 36,553.60 अंकों पर और निफ्टी 326.30 अंक लुढ़ककर 10,805.55 पर बंद हुआ था। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही डीजल के दामों में 13 से 15 पैसे, जबकि पेट्रोल की कीमत में 7 से 8 पैसे की कमी को बरकरार रखा गया है। देश में छोटे व्यापारी जो पहले से ही महामारी के बीच संघर्ष कर रहे थे, अब मोराटोरियम के समाप्त होने के बाद कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष करने लगे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उधारकर्ताओं को कर्ज चुकाने के लिए 31 अगस्त तक के लिए मोराटोरियम की सुविधा दी थी। इसमें देश के 1.8 ट्रिलियन डॉलर के लोन का लगभग एक तिहाई हिस्सा इन उधारकर्ताओं के पास है। यूटीआई म्यूचुअल फंड ने आईपीओ के लिए 552 से 554 रुपए प्रति शेयर का भाव तय किया है। जबकि मझगांव डाक ने 135 से 145 रुपए का भाव तय किया है। दोनों कंपनियों का आईपीओ 29 सितंबर से खुलेगा और एक अक्टूबर को बंद होगा। यूटीआई करीबन दो हजार 200 करोड़ रुपए इस इश्यू से जुटाएगी जबकि मझगांव डाक 444 करोड़ रुपए जुटाएगा। कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल की पहली तीन तिमाहियों (जनवरी-सितंबर) में दुनियाभर के श्रमिकों की आय पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अनुमानित 10.7 फीसदी या 3.5 लाख करोड़ डॉलर घट गई। इस आंकड़े में विभिन्न देशों में राहत पैकेज के द्वारा दिए गए इनकम सपोर्ट को शामिल नहीं किया गया है। यह बात अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कही। कोविड-19 महामारी से लड़ाई में गूगल लगातार कई प्रयोग कर रहा है। ऐसे में अब ये कंपनी गूगल मैप में 'कोविड लेयर' नया का नया फीचर जोड़ने वाली है। गूगल का कहना है कि इस फीचर की मदद से यूजर जिस एरिया में ट्रेवल कर रहे हैं या कहीं जाने वाले हैं वहां पर कोविड-19 की स्थिति जान पाएंगे। यानी उस क्षेत्र में कोविड के कितना मामले हैं, इस बात का पता चल जाएगा। कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ऊपर कंपेसेशन सेस का भुगतान दो साल और करना पड़ सकता है। जीएसटी काउंसिल अगली बैठक में यह फैसला ले सकती है। इससे राज्यों की जीएसटी वसूली में रह गई कमी का पूरा भुगतान करने में केंद्र सरकार को मदद मिलेगी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि 21 राज्यों द्वारा कंपंसेशन सेस पर केंद्र सरकार के विकल्प-1 का चुनाव किए जाने के बाद अब अगला कदम यह होगा कि कंपंसेशन सेस लगाने के लिए 5 साल की जीएसटी ट्र्रांजीशन अवधि को और आगे बढ़ाया जा सकता है। कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण ज्यादातर कर्मचारी पिछले 7 माह से घर से काम कर रहे हैं। लगातार घर से काम करने और वर्कलोड बढ़ने के कारण करीब 80 फीसदी कर्मचारी इस समय तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हालांकि, सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने वर्क फ्रॉम होम को कंफर्टेबल बताया और वे लंबे समय तक घर से काम करना चाहते हैं। 90 फीसदी पार्टिसिपेंट ने कहा कि वे घर से काम करने के बावजूद खुद को काफी प्रोडक्टिव मान रहे हैं। हालांकि, 30 पर्सेंट लोगों का कहना है कि उन्हें ज्यादा समय तक काम करना पड़ रहा है।


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