क्षेत्रीय
27-Jan-2020

1 अधारताल में तिरंगा यात्रा के दौरान सीएए के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए । विवाद इतना बढ़ा कि पत्थरबाजी होने लगी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और भीड़ को हटाने के लिए एसपी अमित सिंह ने खुद आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद लोग तितर-बितर हुए। घटनाक्रम के बाद इलाके में तनाव की स्थिति है। भारी पुलिस बल तैनात कियागया है।दरअसल, गणतंत्र दिवस पर सीएए के समर्थन में आधारताल से रद्दी चौकी के बीच तिरंगा यात्रानिकाली गई। इस दौरान रास्ते से सीएए का विरोध करने वाले भी वहां पहुंच गए दोनों पक्ष आपस में भिड़गए। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी। 2 रामपुर-जलपरी ने नयागां-बरगी हिल्स की पहाड़ी पर तेंदुआ की दस्तक बनी हुई है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात करीब 2.15 बजे नयागांव मार्ग पर वन विभाग की चौकी पर बंधी बकरी को तेंदुए ने शिकार बना लिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि चौकी पर करीब आधा दर्जन मजदूर मौजूद थे, जो सो रहे थे। रात को जैसे ही शोर हुआ, उन्हें समझते देर नहीं लगी, ऐसा बताया जाता है कि करीब 10 मिनिट की जद्दोजहद के बाद तेंदुआ बकरी को लेकर पहाड़ी की ओर निकल गया। 3 आंध्रप्रदेश की तर्ज पर जबलपुर को प्रदेश की न्यायिक राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर शहर के विभिन्न संगठन एकजुट हो गए हैं। जबलपुर को न्यायिक राजधानी बनाने के समर्थन में नर्मदा जयंती एक फरवरी से पूरे महाकौशल में अभियान की शुरुआत की जाएगी। आम नागरिक मित्र फाउंडेशन के बैनर तले एकजुट हुए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों का तर्क है कि प्रदेश की राजधानी बनने के बदले जबलपुर को हाईकोर्ट मिला था लेकिन न्यायालय से जुड़े आयोग, ट्रिब्यूनल और बोर्ड जैसी संस्थाओं दूसरे शहरों में स्थापित कर दिया गया। इससे जबलपुर हाईकोर्ट का मुख्यालय होते हुए भी प्रदेश की न्यायिक राजधानी नहीं बन सका। गौरतलब है कि 27 जनवरी को आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समान विकास बिल 2020 को विधानसभा में पारित कर कार्यकारी, विधि और न्यायिक ऐसी तीन राजधानियां बनाई है। आंध्र प्रदेश सरकार ने इसका उद्देश्य बताया है कि इन तीन राजधानियों से प्रदेश के सभी क्षेत्रों को महत्व मिलेगा। इसी को आधार मानते हुए आम नागरिक मित्र फाउंडेशन, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, पेंशनर्स समाज, सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, किसान समिति और अन्य संगठनों की तरफ से इस मांग के समर्थन में मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन और जिला न्यायालय बार एसोसिएशन को पत्र भी लिखा गया है।


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