क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) से अलग रहने की भारत की रणनीति से इसके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा है। साथ ही चीन को पटखनी देने में भी भारत ने बहुत सोच-समझकर इससे हटने का फैसला किया था। इससे भारतीय कारोबारियों को फायदा होगा। आरसीईपी में 10 आसियान देशों सहित चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 15 नवंबर को हस्ताक्षर कर दिए। जो कि कोविड-19 महामारी की स्थिति में इन सदस्य देशों का आर्थिक रिकवरी का विश्वास बढ़ाने, क्षेत्रीय उद्योग और सप्लाई चेन मजबूत करने के लिए लाभदायक होगा। हालांकि इससे भारत के हटने का असर यह होगा कि सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाने का अच्छा अवसर उसके हाथ से निकल सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अम्रुत योजना के तहत उत्तर भारत का म्यूनिशिपल बांड जारी किया। लखनऊ म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन ने 13 नवंबर 2020 को 200 करोड़ रुपए (ग्रीन शू ऑप्शन सहित) का पहला म्यूनिशिपल बांड जारी किया। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक यह इश्यू 225 फीसदी (450 करोड़ रुपए) ओवरसब्सक्राइब्ड हुआ। 10 साल वाला बांड 8.5 फीसदी के कूपन रेट पर बंद हुआ। यह रिकॉर्ड है और खासकर कोरोनावायरस महामाी के दौरान यह एक बड़ी उपलब्धि है। क्रिकेट की दुनिया के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी अब पोल्ट्री फार्मिंग के कारोबार में उतर चुके हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने एमएस धोनी ने रांची स्थित अपनी ऑर्गेनिक पोल्ट्री यूनिट्स में फार्मिंग करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 2 हजार से ज्यादा ब्लैक श्कड़कनाथश् चिकन ब्रीड मंगवा रहे हैं। पोल्ट्री फॉर्म को यह ऑर्डर 15 दिसंबर तक पूरा करना है। बता दें कि मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थंडला ब्लॉक के रहने वाले विनोद मेधा को इसका ऑर्डर मिला है। खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी रुचि सोया में प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी घटाएंगे। पतंजलि आयुर्वेद के ओनर स्वामी रामदेव ने कहा कि अगले साल कंपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर लाएगी। रुचि सोया को पिछले साल दिसंबर में पतंजलि ग्रुप ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत 4,350 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था। कंपनी ने कहा कि सेबी के नियमों के मुताबिक प्रमोटर्स 10 फीसदी हिस्सेदारी जून 2021 तक और 25 फीसदी हिस्सेदारी 36 महीनों में कम करना होगा। वर्तमान में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 98.90 फीसदी और पब्लिक की हिस्सेदारी 1.10 फीसदी है। डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करने की दिशा में सरकार ने पहला कदम उठाया है। ऐसी कंपनियां जिनमें विदेशी निवेश 26 फीसदी से ज्यादा है, उन्हें कम करके इसे 26 फीसदी पर लाना होगा। इसके लिए सरकार ने अगले साल अक्टूबर तक का समय दिया है। जानकारी के मुताबिक डिजिटल मीडिया कंपनियां जो समाचार और करेंट अफेयर्स के सेगमेंट में शामिल हैं, उन्हें इसका पालन करना होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर जारी आदेश के मुताबिक इस तरह की कंपनियों को भारत के विदेशी फंडिंग के नियमों का पालन करना होगा। आदेश के मुताबिक जिन कंपनियों में 26 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी होगी उन्हें इसे कम करना होगा। नवंबर के पहले हाफ में देश में बिजली खपत 7.8 फीसदी बढ़कर 50.15 बिलियन यूनिट पर पहुंच गई है। इससे देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है। बिजली मंत्रालय के डाटा से यह बात सामने आई है। डाटा के मुताबिक, एक साल पहले समान अवधि में 46.52 बिलियन यूनिट बिजली की खपत रही थी। नवंबर 2019 में कुल 93.94 बिलियन यूनिट की खपत रही थी। जानकारों का कहना है कि आधे महीने के डाटा से स्पष्ट संकेत मिलता है कि बिजली खपत में लगातार तीसरे महीने ग्रोथ दर्ज होने जा रही है। 6 महीनों के गैप के बाद इसी साल सितंबर में पहली बार बिजली खपत में 4.4 फीसदी की ग्रोथ रही थी। एक साल पहले की समान अवधि की 107.51 ठन् के मुकाबले सितंबर 2020 में 112.24 ठन् बिजली की खपत रही थी। शॉपिंग मॉल की लांचिंग पर भी कोरोना वायरस का बेहद बुरा असर पड़ा है। ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनरॉक रिटेल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि इस साल अब तक देशभर में सिर्फ 5 मॉल का ऑपरेशन शुरू हो पाया है। महामारी शुरू होने से पहले पूरे देश में इस साल 54 मॉल शुरू होने का अनुमान जताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक पांचों नए शॉपिंग मॉल गुड़गांव, दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरू जैसे शहरों में खुले हैं। इनका कुल स्पेस 27.5 लाख वर्ग फुट है। जिस गति से निर्माण का काम हो रहा है, उसके मुताबिक 2021 के अंत तक देशभर में 14 नए मॉल शुरू हो सकते हैं। इन 14 मॉल्स का कुल स्पेस 59 लाख वर्ग फुट होने का अनुमान है। फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित हाल के राहत पैकेज से आर्थिक ग्रोथ को सहारा मिलेगा। आने वाले तिमाहियों में रोजगार, कर्ज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार के चलते इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन, वास्तविक वित्तीय प्रभावों का पता लगाना मुश्किल है। अपने बयान में फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि आने वाले तिमाहियों में देश की इकोनॉमी में सुधार को सरकार द्वारा घोषित योजनाओं से सहारा मिलेगा। उदाहरण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के तहत 10 सेक्टर्स को अगले पांच सालों में 1.45 लाख करोड़ रुपए की सहायक राशि दी जाएगी। इसका प्रभाव भी वित्त वर्ष 2021-22 से दिखाई देगा। भारत में कुल ईंधन खपत में डीजल की हिस्सेदारी 40 फीसदी की है। इसे आर्थिक सुधार का मापदंड भी माना जाता है। लेकिन इंडस्ट्रियल डेटा के मुताबिक नवंबर माह में पिछले साल की तुलना में डीजल बिक्री 5 फीसदी घटी है। इससे पहले अक्टूबर में आठ महीनों बाद पहली बार बिक्री में बढ़त देखने को मिली थी। सोमवार को जारी डेटा के मुताबिक नवंबर के पहले हाफ यानी 15 दिन तक डीजल बिक्री 5 फीसदी घटकर 2.86 मिलियन टन रही। पेट्रोल की खपत भी 1.03 मिलियन टन रही। दूसरी ओर, आज देश में 45 दिनों बाद भी डीजल-पेट्रोल के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए साल में आपका फोन बिल 15-20 फीसदी तक बढ़ सकता है। खबर है कि वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल जैसे टेलीकॉम टैरिफ बढ़ा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में टैरिफ में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी करना चाहती है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि घाटे की वजह से वे ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। हालांकि, इन कंपनियों का ध्यान रिलायंस जियो पर भी रहेगी। खबर के मुताबिक, बाकी कंपनियां उसी के अनुसार टैरिफ के दाम में बदलाव करेंगी। कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जापान से अच्छी खबर आई है। जुलाई-सितंबर तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में वार्षिक आधार पर 21.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। कैबिनेट ऑफिस की ओर से जारी प्रारंभिक डाटा से संकेत मिलता है कि जापान रिकवरी की राह पर चल पड़ा है। पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर जापान की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के कारण स्लोडाउन में पहुंच गई थी। लगातार तीन तिमाही से अर्थव्यवस्था में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की जा रही थी। इसके बाद जानकारों ने कहा था कि जापान टेक्नीकल मंदी में फंस गया है।