ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट पाया गया है. माना जा रहा है कि इसकी वजह से तेजी से संक्रमण फैल सकता है. ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जबरदस्त वृद्धि होने और कोरोना के एक नए प्रकार की पहचान होने के चलते देश की राजधानी लंदन और इसके आसपास के इलाकों में बुधवार से सख्त लॉकडाउन लगाया जाएगा. ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार को संसद में इस बाबत घोषणा की. कोरोना वायरस का यह नया प्रकार ''''बेहद तेजी'''' से प्रसार के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका मे जो बाइडन को औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति चुनने के लिए राष्ट्रपति निर्वाचक मंडल के सदस्यों ने सोमवार को विभिन्न राज्यों में बैठक कर मतदान किया। इलेक्टर्स ने बाइडन को ही बहुमत दिया। उन्हें कुल 306 इलेक्टोरल वोट मिल चुके हैं। जॉर्जिया के 16, एरिजोना के 11 और नवादा के 6 इलेक्टर्स बाइडन के पक्ष में मतदान कर चुके थे। कुल परिणाम मिलने के बाद वाशिंगटन भेजे जाएंगे, जिसकी गणना छह जनवरी को उपराष्ट्रपति माइक पेंस की अध्यक्षता में संसद के संयुक्त सत्र में होगी। भारत ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन का निर्माण व इसे पहुंचाने का काम इस संकट से निपटने के लिए किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र में विदेश सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने कहा कि भारत सभी देशों को कोल्ड चेन और स्टोरेज क्षमता बढ़ाने में भी मदद करेगा। कोविड-19 पर विशेष सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट ने वैश्विक सहयोग और प्रशासनिक ढांचे में दूरियों को कम किया है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार की पहचान की गई है, जो इंग्लैंड के दक्षिण पूर्व इलाकों में काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि कोरोना वायरस के नए प्रकार सार्सकोव2 के अब तक 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यब एर्दोगन के बुरे दिन अब शुरू हो गए हैं। यूरोपीय यूनियन के बाद अब अमेरिका ने तुर्की के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने तुर्की पर रूसी मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बताया कि रूसी एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं। हमारे यहां सर्दियां पड़ते ही सबसे पहले स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। आमतौर पर कड़ाके की गर्मी और सर्दी में एक-एक महीने के लिए स्कूल बंद हो जाते हैं। वहीं रूस के ओएमयाकोन शहर में माइनस 51 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी स्कूल खुल रहा है। इतना ही सबसे बड़ी बात यह है कि यहां हड्डियां कंपा देने वाली इस ठंड के बावजूद छोटे-छोटे बच्चे कक्षा में पढऩे के लिए पहुंच रहे हैं। यह स्कूल 11 साल या उससे कम उम्र के छात्रों के लिए तभी बंद होता है, जब तापमान -52 डिग्री या उससे कम चला जाता है।