क्षेत्रीय
इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाला मामले में रायपुर न्यायालय में सत्रह वर्ष बाद इस मामले में फिर से जाँच किए जाने का आवेदन भूपेश सरकार की ओर से दिया गया है। रायपुर की अदालत ने इस आवेदन को स्वीकार किया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि आखिर किस आधार पर इस मसले की फिर से नई जाँच होगी। इस मामले में क़रीब 20 करोड़ रुपए के घोटाला होने की बात कही जाती रही है। यह मसला लंबे अरसे तक एक बैंक घोटाले के रुप में ही जाना पहचाना गया । लेकिन इसमें राजनीति शामिल हुई जबकि मुख्य आरोपी के रुप में मैनेजर उमेश सिन्हा की नार्को परीक्षण की सीडी के अंश 2012-2013 में वायरल हुआ था ।