राम मंदिर का निर्माण रोकने के प्रयास हुए शुरू मंदिर निर्माण को रोकने यूनेस्को में चुनौती देने की तैयारी मंदिर निर्माण स्थल की खुदाई में निकले बौद्ध अवशेषों पर बौद्धों ने जताया दावा मंदिर स्थल पर राष्ट्रीय स्मारक बनाने और पुरातत्व विभाग को सौंपने की मांग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं। इसी बीच बौद्ध भिक्षुओं ने अब राम मंदिर निर्माण को लेकर आपत्ति जताई है । बौद्ध भिक्षु सुमित रतन ने राम मंदिर निर्माण में खुदाई के दौरान बड़ी संख्या में बौद्ध अवशेषों के मिलने के बाद, बौद्ध समुदाय ने विवादित स्थल को राष्ट्रीय स्मारक बनाने और पुरातत्व विभाग को नियंत्रण में दिए जाने की मांग की है। बौद्ध भिक्षु सुमित रतन का कहना है कि पुरातत्व स्थल होने से इसमें यूनेस्को के नियम लागू होते हैं और पुरातत्व स्थल पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य संभव नहीं है। पुरातत्व के इस संरक्षित स्थान में राम मंदिर का निर्माण रोकने और विवादित स्थल को पुरातत्व विभाग को सौंपने की मांग यूनेस्को से की है। सुप्रीम कोर्ट ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में जो फैसला दिया है। उसी को आधार बनाकर अब बौद्ध भिक्षुओं ने खुदाई के दौरान भू गर्भ से मिले बौद्ध अवशेषों को आधार बनाकर, राम मंदिर निर्माण में रोक लगाने और राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुदाई के दौरान बौद्ध अवशेष मिलने से एक बार फिर राम मंदिर निर्माण को लेकर बौद्ध धर्म के अनुयाई इस विवाद में कूद पड़े हैं। राम मंदिर निर्माण का विरोध पहली बार बौद्ध समुदाय कर रहा है। वह भी तब जब सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यों की खंडपीठ ने पूर्ण बहुमत से मंदिर निर्माण के लिए यह भूमि राम मंदिर न्यास को सौंपी है । बौद्ध समुदाय पुरातत्व विभाग की जिस रिपोर्ट के आधार पर मन्दिर निर्माण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था उसी को आधार बनाकर मंदिर निर्माण में रोड़ा अटकाने का प्रयास कर रहा है। पुरात्ततव अधिनियम के अंतर्गत यूनेस्को में मांग उठाकर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल दिया जा रहा है। आगे चलकर यह एक अंतराष्ट्रीय मुद्दा भी बन सकता है।