कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है. यानी जीडीपी में करीब एक-चौथाई की कमी आ गई है. आइए जानते हैं कि जीडीपी की गिरावट यानी उसके निगेटिव में जाने का आखिर आम आदमी पर क्या असर पड़ता है? जीडीपी के आंकड़ों का आम लोगों पर काफी असर पड़ता है. अगर जीडीपी के आंकड़े लगातार सुस्त होते हैं तो ये देश के लिए खतरे की घंटी मानी जाती है. जीडीपी कम होने की वजह से लोगों की औसत आय कम हो जाती है और लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं. जीडीपी रेट में गिरावट का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ता है. भारत में आर्थिक असमानता बहुत ज्यादा है. इसलिए आर्थिक वृद्धि दर घटने का ज्यादा असर गरीब तबके पर पड़ता है. इसकी वजह यह है कि लोगों की औसत आय घट जाती है. नई नौकरियां पैदा होने की रफ्तार घट जाती है. मान लीजिए किसी तिमाही में प्रति व्यक्ति औसत आय 10 हजार रुपये महीने है तो जीडीपी में 24 फीसदी की गिरावट का मतलब है कि लोगों की औसत आय में 2400 रुपये की गिरावट आ गई और यह करीब 7600 रह गई. बुधवार को बाजार बढ़त के साथ खुला। बीएसई सेंसेक्स 39 हजार के करीब और निफ्टी 11,500 के स्तर के पास कारोबार कर रहा है। इससे पहले मंगलवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ था। कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 272 अंक ऊपर 38,900 पर और निफ्टी 82 अंकों की बढ़त के साथ 11,470 पर बंद हुआ था। दोपहर तक बीएसई सेंसेक्स में 587 अंकों की बढ़त रही और निफ्टी भी 11,500 के स्तर को पार पहुंच गया था। वहीं एजीआर के फैसले बाद भारती एयरटेल के शेयर में 7 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ, लेकिन वोडाफोन आइडिया के शेयर में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। हालांकि बीते रोज पेट्रोल के दाम में 4 से 5 पैसे का इजाफा किया गया था। बता दें कि बीते 15 दिन में पेट्रोल की कीमत में लगभग रोज ही कुछ पैसों का इजाफा किया गया है। इससे यह 1.65 रुपये महंगा हो गया है। जबकि 15 दिन पहले पेट्रोल 80.43 रुपये प्रतिलीटर बिक रहा था। हालांकि इन बीते पंद्रह दिनों में डीजल की कीमत पहले की तरह ही है। इससे पहले 30 जुलाई को दिल्ली सरकार ने डीजल के दाम मे 8.36 रुपये की कटौती थी जिससे दिल्ली में डीजल का दाम बाजार में 73.56 रुपये प्रति लीटर हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को समायोजित सकल राजस्व के भुगतान मुद्दे पर दूरसंचार कंपनियों को राहत तो दे दी है, लेकिन सबसे ज्यादा दबाव में चल रही वोडा आइडिया बोझ घटाने के लिए टैरिफ बढ़ा सकती है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया और ब्रिटेन के वोडाफोन का संयुक्त उपक्रम वोडा आइडिया अपने टैरिफ में 27 फीसदी का बड़ा इजाफा कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दूरसंचार कंपनियों को राहत तो मिली है, लेकिन देनदारी चुकाना अब भी आसान नहीं होगा। खासतौर से वोडा आइडिया को एजीआर के रूप में सालाना औसतन 7,500 करोड़ रुपये देने होंगे। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के झटकों से चालू वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का उबरना मुश्किल है। एसबीआई ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि पहली तिमाही विकास दर में आई रिकॉर्ड गिरावट आगे भी जारी रहेगी और 2020-21 में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर शून्य से 10.9 फीसदी नीचे रहने का अनुमान है। सरकार ने सोमवार को जीडीपी आंकड़े जारी कर बताया था कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर शून्य से 23.9 फीसदी नीचे रही है। इससे पहले इकोरैप रिपोर्ट में चालू वित्तवर्ष के लिए विकास दर में (-)6.8 फीसदी गिरावट का अनुमान था। मुकेश अंबानी की ग्रासरी रिटेल प्लेटफार्म जियो मार्ट लॉन्च के लगभग छह सप्ताह बाद गूगल प्ले स्टोर पर 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका है। बता दें कि इस ऐप को 16 जुलाई 2020 को प्ले स्टोर पर जारी किया गया था और लगभग पांच दिनों के भीतर ही इसे 10 लाख से अधिक डाउनलोड कर लिया गया था। औसतन हर सप्ताह इसे 7 से 8 लाख बार डाउनलोड किया जा रहा है। अगस्त महीने में बड़े बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार का खराब प्रदर्शन रहा है। बीएसई सेंसेक्स ने पूरे महीने के दौरान 2.6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। जबकि एनएसई के निफ्टी ने 2.8 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। जनवरी से लेकर अगस्त के दौरान सेंसेक्स में 5.8 प्रतिशत की गिरावट जरूर रही है, पर 23 मार्च से लेकर अब तक इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही है। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त महीने में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बाजारों की तुलना में बीएसई सेंसेक्स का प्रदर्शन काफी कम रहा है। चीन की मशहूर शार्ट वीडियो ऐप टिकटाॅक की मुश्किलें दिन पर दिन बढती ही जा रही हैं। शुरूआत में अश्लील कंटेंट और फिर प्राइवेसी को लेकर बवाल हो चुका है। प्राइवेसी लीक मामले में भारत में टिकटाक बैन हो चुका है। इसके बाद अमेरिका में भी दिक्कतें बढनी शुरू हो गई। अब जब चीनी ऐप अमेरिका में कारोबार बेचने की तैयार कर ली तो एक बार फिर ऐप की मुश्किलें अपने ही देश चीन ने बढ़ा दी है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने रातोंरात एक नया एक्सपोर्ट रूल लागू कर दिया। इस नियम के तहत चीन की सरकार ने कहा कि टिकटाॅक को अपना कारोबार बेचने के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी। अगस्त महीने में जीएसटी कलेक्शन 86 हजार 449 करोड़ रुपए रहा है। जुलाई में यह 87 हजार 422 करोड़ रुपए था। उसकी तुलना में इसमें 973 करोड़ रुपए की कमी आई है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई है। अगस्त में कुल जीएसटी कलेक्शन में सीजीएसटी का हिस्सा 15,906 करोड़ रुपए था। एस जीएसटी का हिस्सा 21,064 करोड़ रुपए था। आईजीएसटी का हिस्सा 42,264 करोड़ रुपए था। एसजीएसटी मतलब राज्यों का हिस्सा, सीजीएसटी मतलब केंद्र का हिस्सा है। इकॉनमी ग्रोथ की धीमी रफ्तार और बढ़ती कीमतों के कारण डीजल की मांग में कमी है। अगस्त में डीजल की मांग जुलाई की तुलना में 12 फीसदी कम हुई है। वहीं माह दर माह के आधार पर पेट्रोल की बिक्री में 5.5 फीसदी बढ़त दर्ज हुई है। हालांकि सालाना आधार पर डीजल और पेट्रोल की बिक्री के आंकड़ों में गिरावट आई है। सरकारी ऑयल कंपनियों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक डीजल की मांग में गिरावट का यह लगातार दूसरा महीना है। जून के मुकाबले जुलाई में भी डीजल की बिक्री में 12.5 फीसदी की गिरावट देखी गई थी। इससे इंड्रस्ट्री के अधिकारियों को चिंता है कि रिकवरी में उम्मीद से ज्यादा वक्त लग सकता है। आयकर विभाग ने अब बैंकों के साथ टैक्स भरनेवालों की पूरी जानकारी को साझा करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि आयकर विभाग के अधिकारी अब शेड्यूल कॉमर्शियल बैंकों के साथ करदाताओं की जानकारी साझा कर सकते हैं। इस कदम से बैंकों को यह तय करने में आसानी हो जाएगी कि उन्हें किस ग्राहक का टीडीएस काटना और किसका नहीं। टैक्स विभाग द्वारा जानकारी साझा करने के बाद बैंक अपने ग्राहकों के फॉर्म 15 जी और 15 एच को वैलिडेट कर पाएंगे।