मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायते आर्थिक संकट से जूझ रही है। जिसके कारण गांव की विकास की रफ्तार बिल्कुल धीमी पड़ गई है। जिसके चलते इस बार निर्वाचित हुए सरपंचो का सरकार से मोहभंग होता जा रहा है। इसकी बानगी राजधानी भोपाल में सरकार द्वारा आयोजित सरपंचो के उन्मुखीकरण कार्यक्रम में देखने को मिली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के दौरान आधा पांडाल खाली पड़ा रहा। प्रदेश के कई ग्राम पंचायत के सरपंचो ने कार्यक्रम में शामिल होने की रूचि नहीं दिखाई । सरकार ने कार्यक्रम में करोड़ो रुपये खर्च किये थे लेकिन कार्यक्रम में हजारो की संख्या में कुर्सियां खाली पड़ी रही। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणाओं की बौछार लगा दी । मुख्यमंत्री ने सरपंचो को मिलने वाले मानदेय को 1750 से बढाकर 4250 रुपये कर दिया है। हालांकि छः माह से अधिक समय से सरपंचो को 1750 रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय नहीं मिला है। वही प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की घोषणा की गई है।