क्षेत्रीय
18-Jul-2022

स्वच्छता अभियान में करोड़ों खर्च पर जमीन पर नजर आ रहा भ्रष्टाचार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उकवा मे छात्रा की गई जान बम.बम भोले के गूंजे जयकारे पोंडी एवं समनापुर के बीच एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उकवा के नाम से शासन द्वारा करोड़ों रुपयों की लागत से बनाया गया यह विद्यालय हमेशा से ही विवादों में घिरा रहा है एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उकवा मे अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने बताया कि छात्रावास में कई छात्र छात्राएं बीमार है जिनके लिए यहां कोई भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं है और ना ही यहां पदस्थ अधीक्षकों के द्वारा बीमार छात्र छात्राओं का उपचार कराया जा रहा है जिसके चलते एक छात्रा को अपनी जान गवानी पड़ी जिसके जिम्मेदार यहां पदस्थ प्राचार्य एवं अधीक्षक हैं जिन्हे विद्यालय एवं छात्रावास से तत्काल हटाये जाने की मांग को लेकर आक्रोशित विद्यार्थीयो द्वारा छात्रावास को छोड़कर विद्यालय से बाहर मेन रोड पर आकर आंदोलन किया गया सरकार द्वारा जहा आम जनता के लिए स्वच्छता अभियान एवम शुद्ध पेय जल के नाम पर करोड़ों रूपिये खर्च किए जा रहे हैं. वही जमीनी स्तर पर नदारत या भ्रष्टाचार से परिपूर्ण नजर आ रहे हैं. ऐसा ही मामला शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय किरनापुर का है जहा लगभग १२००से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत है जुलाई सत्र से स्कूल आरंभ होने के बाद भी जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हाथ धुलने की इकाई हैंड वाश बना तो दिया गया है पर न उसमे नल में पानी सप्लाई हेतु कनेक्सन लगा है और न ही नल लगे हैं. खाना पूर्ति करने के चक्कर में पानी की टंकी इ हैंड वाश बना दिया गया लेकिन न टंकी में पानी भरा जाता हैं और न ही ही हैंड वाश में नल लगे हैं. वही नल के चारो ओर गंदगी का अंबार व स्कूल का कबाड़ रखा हुआ है. यह भी जानना बेहद जरूरी है कि उत्कृष्ट विद्यालय के ठीक सामने एसडीएम तहसीलदार मुख्य कार्यपालन आधिकारी सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों का कार्यालय है। हाल ही इसी स्कूल से पंचायत चुनाव संचालन भी किया गया है. फिर भी किसी का ध्यानइस और नहीं गया प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सावन माह के पहले सोमवार को प्रमुख शिवालयों में शिव लिंग पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करने भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आवाजाही प्रारंभ हो गई। शहर मुयालय के वैनगंगा तट पर स्थित शंकरघाट महामृत्युंघाट में स्थित शिव मंदिर व श्री शिव साईं मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेकर कर बेल पत्र व पूजन सामग्री अर्पण कर पूजा आराधना की गई। सुबह से ही शिवालयों में बम बम भोले की गूंज सुनाई देने लगी। किरनापुर तहसील मुख्यालय के वार्ड क्रमांक ०१ किरनाई मंदिर से गुजरने वाली सड़क में चल रही नल योजना के तहत बिछाई जा रही पाइप लाईन के बाद मज़बूत रूप से नही बुझाने के कारण सड़कों में बारीश की वजह से कीचड़ व गड्ढे हो गए. जिसके कारण वाहनों की आवाजाही को मुस्किलों से होकर गुजरना पड़ रहा.वही बच्चो को ले जा रही स्कूल वेन भी फसते नजर आई. वही जनपद पंचायत किरनापूर की नवागत मुख्य कार्य पालन आधिकारी श्रुति चौधरी ने दूरभाष पर समस्या बताने के बाद जल्दी ही समस्या निराकरण की बात कही और नेतृत्व कर रहे पीएचई विभाग के सहायक यंत्री एच के बागेश्वर द्वारा जल्दी ही सुधरवाने की बात कही गई. खनिज नगरी उकवा जो चारो तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है जहा जंगली क्षेत्र होने के कारण आए दिन क्षेत्र में कही न कही सर्प निकलने की सूचना आम बात है एक समय था जब लोग सर्प को देखते ही हाथो में डंडे ले कर दौड़ पड़ते थे और कैसा भी साप हो उसे जीवित नहीं छोड़ते थे लेकिन जब से उकवा क्षेत्र में पदस्थ वन कर्मी सचिन पदमें जो आज पूरे एरिया में सर्प मित्र के नाम से जाने जाते है जिनके द्वारा लोगो के अंदर सापो के प्रति फैली अनेक गलत भ्रांति को दूर कर जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है और लोगो को बताया जा रहा है की सर्प भी प्रकृति का एक अंग है और हर साप जहरीले नही होते वो भी हमारे सहायक है, और वो खेतो में किसानों की फसल नष्ट करने वाले जीवो को अपना भोजन बना हमारी मदद करते है मध्यप्रदेश में केवल 38 प्रकार के ही सर्प पाए जाते है जिनमे केवल ४ सर्प जहरीले होते है जिनके काटने से लोगो को जान का नुकसान हो सकता है टेकाड़ी सर्राटी जलाशय दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट परीक्षेत्र लालबर्रा के अंतर्गत आता है जहां वन संपदाओ के साथ-साथ वन्यजीवों की बाहुल्यता होने के कारण पर्यटक व सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचते है। सर्राटी जलाशय भरने से निश्चित ही क्षेत्रीय किसानों में हर्ष का माहौल है। नगर सहित क्षेत्र बीती रात्रि से हो रहीं मूसलाधार बारिश से तरबतर हो गया हैं और वारासिवनी लालबर्रा मार्ग पर स्थित टोंड्या नाला लालबर्रा से सिवनी मार्ग सहित एक गांव से दूसरे गांव जाने पर पड़ने वाले छोटे-छोटे नाले व पोखर उफान पर होने से आवागमन बाधित हो गया हैं। जिससे आम जनमानस को काफी परेशानियों का सामना करते हुए अधिक दुरी तय कर अपने गंतव्य तक जा रहें हैं अगर बारिश का दौर इस तरह चलता रहा तो नदी नालों के समीपस्थ रहने वाले रहवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। कायदी चौक से ग्रीन वेली स्कूल के बीज गति अवरोधक बनाये जाने की मांग को लेकर क्षेत्रीयजनों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। इस दौरान ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि वारासिवनी से बालाघाट रोड़ का ट्राफिक आये दिन बढ़ते जा रहा है। जिसमें वारासिवनी से बालाघाट के बीच मुख्या सड़क संवेदनशील क्षेत्र कायदी बस स्टैण्ड एवं मुख्या सड़क से बरबसपुर पहुंच मार्ग व रजेगांव पहुंच मार्ग में गति अवरोधक बनाया जाए जिससे दुर्घटना पर अंकुश लग सकें। बालाघाट में राजीव सागर परियोजना के डेम से पानी छोडऩे के बाद से लगातार बारिश से बवनथाड़ी नदी भी उफान पर है। महाराष्ट्र बॉर्डर के ग्राम डोंगरिया मोवाड में 8 व्यक्ति रेशम केंद्र में फंस गए। टीले के चारों तरफ बावन थड़ी नदी की बाढ़ का पानी भरा है। यह टीला करीब 65 हेक्टेयर का है। बाढ़ में फंसे सभी 16 लोग सुरक्षित और स्वस्थ हैं किसी को कोई खतरा नहीं है। राहत एवं बचाव दल ने मौके पर पहुंच कर उन्हें बचा लिया है। नदी से उक्त टीले के आसपास पानी कम होने पर बाढ़ में फंसे सभी लोगों को निकाला जाएगा बरहाल फंसे लोग को भोजन पानी की व्यवस्था की गई है। प्रशासन फंसे लोगों की निगरानी भी किया हुए है। अभी प्रशासन द्वारा मोवाड़ डोंगरिया में बावनथड़ी नदी के किनारे टीले पर रेशम विभाग के कर्मचारियों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव अभियान चलाया गया। लालबर्रा मुख्यालय से लगभग दो किमी दूर बालाघाट मार्ग पर मानपुर और बकोड़ा के बीच मोड़ाई में स्थित वर्षों पुराना पांगा तालाब 17 व 18 जुलाई की दरमियानी रात्रि में तेज बारिश के कहर से अचानक फुट गया जिसके पानी के बहाव से सड़क मार्ग जाम हो गया है वहीं कई किसानों की खेती डूब गई। तालाब के उपरी हिस्से को काटकर पानी छांटने का प्रयास किया गया लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हुआ और तालाब अचानक फुट गया जिसका पानी सड़क को पार कर खेतों में बह गया। आपको बता दें कि पांगा तालाब में वर्षों से मछुआरे सिंगाड़ा की खेती करते आ रहे है और मछली का व्यवसाय कर अच्छी आमदनी कमा रहे थे लेकिन तालाब के फुटने से कई क्विंटल मछलियां भाग गई जिससे मछुआरों के अरमानों पर पानी फिर गया है।


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