बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की सौगात देनी शुरू कर दी है. इसी क्रम में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिलांचल को जोड़ने वाले कोसी रेल महासेतु का उदघाटन किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने समस्तीपुर रेलमंडल की कई योजनाओं का उद्घाटन किया और सुपौल से आसनपुर कुपहा डेमू ट्रेन के परिचालन को भी हरी झंडी दिखाई. देखें कृषि बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को संदेश देते हुए कहा कि आप किसी भी भ्रम में मत पड़िए।जो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं, दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं। वे बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वे किसानों की कमाई लूटने वालों का साथ दे रहे हैं। कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को संसद भवन के बाहर मीडिया को संबोधित किया.मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को किसान और देश को भ्रमित नहीं करना चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ऐसे वक्त में झूठ बोल रहे हैं जब देश कोरोना से जंग लड़ रहा है और चीन हमारी सीमा में घुसा जा रहा है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्यों खत्म कर रही है? प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री दोनों बोल रहे हैं कि एमएसपी आगे भी जारी रहेगा, लेकिन जब मंडियां खत्म हो जाएंगी तो एमएसपी कौन देगा. क्या एफसीआई किसानों को खेत में जाकर एमएसपी देगी? कांग्रेस नेता राहुल शुक्रवार को किसान को समस्या को लेकर मोदी सरकार पर बरसे. राहुल ने ट्वीट किया, 'किसान का मोदी सरकार से विश्वास उठ चुका है क्यूँकि शुरू से मोदी जी की कथनी और करनी में फ़र्क़ रहा है- नोटबंदी, ग़लत GST और डीज़ल पर भारी टैक्स. जागृत किसान जानता है- कृषि विधेयक से मोदी सरकार बढ़ाएगी अपने ‘मित्रों' का व्यापार और करेगी किसान की रोज़ी-रोटी पर वार.' किसान बिल को लेकर सरकार के सहयोगी दल भी इसके समर्थन में नहीं दिख रहे हैं. एनडीए की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की ओर से मंत्री हरसिमरत कौर इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि एनडीए हमने नहीं छोड़ा. झूठ की राजनीति की वजह से हमें मजबूर किया गया. हम दोनों सबसे पुराने सहयोगी थे, बाकी पेइंग गेस्ट हैं. उन्होंने कहा कि जो बातें प्रधानमंत्री कह रहे हैं, इसके बावजूद अगर आपका मंत्री इस्तीफा देता है. पहले शिवसेना ने साथ छोड़ा और अब शिरोमणि अकाली दल, मतलब कुछ तो गड़बड़ी है. किसान के मसले पर सबको साथ लेना चाहिए. अब तो लगता है एनडीए रहा ही नहीं. राउत ने यह भी कहा कि आज भी हम और अकाली दल एक साथ हैं. लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा किया. संसद के मॉनसून सत्र के अंतर्गत आज फाइनेशियल बिल पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी और गांधी परिवार का नाम लेने पर यह हंगामा हुआ. हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित हुई. दरअसल, बीजेपी सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा सोनिया गांधी और नेहरू-गांधी का नाम लिया गया तो कांग्रेस सांसद उखड़ गए और जमकर हंगामा किया.अनुराग ठाकुर ने कहा था कि हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक, हर कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund)को सही ठहराया.छोटे-छोटे बच्चों ने गुल्लक तोड़कर चंदा दिया. उन्होंने आगे कहा, नेहरूजी ने फंड बनाया आज तक उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. आपने केवल एक परिवार गांधी परिवार के लिए ट्रस्ट बनाया था. सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाया था, इसकी जांच होनी चाहिए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले किसानों को एक बड़ी सौगात मिली है. प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन से प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में 4686 करोड़ की राशि ट्रांसफर की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन के कालिदास अकादमी में स्तिथ पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल से प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में (सिंगल क्लिक) बटन दबाकर बीमा राशि डाली. सुशांत केस की जांच की आंच बॉलीवुड के बड़े ड्रग पेडलर तक पहुंच गई है. मुंबई में एनसीबी की टीम लगातार छापा मार रही है और इस छापेमारी में एनसीबी ने बॉलीवुड में ड्रग्स सप्लाई करने वाले एक बड़े ड्रग पेडलर को पकड़ा है. इस ड्रग पेडलर से एनसीबी को बहुत बड़ी मात्रा में ड्रग बरामद हुई है. इस ड्रग पेडलर से रिया चक्रवर्ती की ड्रग्स मंडली की पूरी कुंडली खुल सकती है और हो सकता है सुशांत केस में सबसे बड़े राज़ का फाश. ड्रग पेडलर का नाम राहुल विश्राम है. भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के उच्चस्तरीय समूह चाइना ग्रुप स्टडी की बैठक ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी इसमें शामिल हुए. इस मीटिंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा के ताजा हालात पर चर्चा की गई. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस बैठक में मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 उत्सर्जन मानकों के तहत 1 अप्रैल, 2020 से पहले खरीदे गए डीजल इंजन वाहनों के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दे दी है. बस, शर्त यह है कि इन वाहनों को दिल्ली पुलिस या दिल्ली नगर निगम ने खरीदा हो. यानी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आम आदमी को कोई फायदा होने वाला नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा कि वैसे डीजल वाहन जो 1 अप्रैल से पहले खरीदे गए हैं और जिनका इस्तेमाल लोगों की सुविधाओं के लिए हो रहा है, वैसी गाड़ियों को BS-IV उत्सर्जन मानकों के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी जाती है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर, 2018 में 1 अप्रैल, 2020 से BS-IV उत्सर्जन मानक वाली गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी.