राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ नगर मैं बढ़ती बेरोजगारी के तहत यहां के मजदूर पलायन करते रहते हैं हर दिन सुबह मजदूर अलग अलग स्थानों पर जाकर खड़े हो जाते हैं और फिर उनकी बोली लगाने के लिए ठेकेदार वहां पहुंचते हैं जो जैसा मान जाए उस्मान से उन्हें नरसिंहगढ़ के आसपास के गांवों में फसल काटने के लिए ले जाते हैं पिछले एक हफ्ते से बारिश रुकी और फसलों की कटाई शुरू हुई बस स्टैंड नाका आदि जगहों पर मजदूरों की कतारें लगना शुरू हो गई माहौल कुछ इस तरह हो जाता है कि मानो कोई बाजार लग रहा हो दूसरे गांव से आए हुए ठेकेदार इनकी वहीं पर बोली लगाकर दिन और घंटे के काम के हिसाब से पैसा तयकर साथ ले जाते हैं। पलायन को रोकने के लिए मनरेगा और पंचायत स्तर पर होने वाले ऐसे काम शुरू करवाए गए जिनके माध्यम से मजदूरों को मजदूरी दी जानी थी लेकिन अधिकांश जगह यहां काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और मजदूरों की जगह मशीनी का उपयोग किए जाने लगा इससे आप इन्हें गांव में मजदूरी नहीं मिल रही यही कारण है कि मजबूरी में मजदूरी के लिए यहां दूर-दूर तक पलायन कर रहे हैं नरसिंहगढ़ के आसपास के क्षेत्र एवं गांव के गांव मजदूरी के लिए पलायन कर जाते हैं महिलाएं हो या फिर युवा वर्ग के लोग सभी रोजगार की तलाश में निकल जाते हैं गांव में इन दिनों सिर्फ बच्चे और बुजुर्ग मिलते हैं कई घरों में तो तीन-तीन वहां तक ताले डले रहते पलायन को बहुत हद तक रोका जा सकता है लेकिन अधिकारियों की इस नगर वह नगर के आसपास के ग्रामीणों के रोजगार के लिए किसी ने आज तक न जनप्रतिनिधि न सरकार ने कोई प्रयास किया यही कारण है कि यहां ग्रामों के लोग मजदूरी करने के लिए बाहर पलायन करने के लिए मजबूर है सभी नगर वासी प्रशासन व जनप्रतिनिधि से मांग करते हैं कि यहां कोई उद्योग खुलवाया जाए जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिल सके और बाहर ना जाना पड़े जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण से यहां संभव नहीं हो पा रहा है।