क्षेत्रीय
06-Jun-2020

#छिंदवाड़ा जिले में #सौंसर क्षेत्र में इन दिनों #रेत की तस्करी को लेकर बवाल मचा हुआ । माहौल इस कदर गर्म हो चुका है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि धरना प्रदर्शन तक कर रहे हैं। लेकिन न तो जिला प्रशासन कोई ठोस एक्शन ले रहा है और न ही प्रदेश की सरकार । बात सौंसर की नहीं बल्कि जिले की कई #खदानें ऐसी हैं जहां पिछले कई दिनों से अवैध उत्खनन और परिवहन लगातार किया जा रहा है जिसे कई बार पुलिस बल तो कई बार खुद खनिज विभाग के अधिकारी पकड़ रहे हैं, पर अवैध भंडारण पर लगाम नही लगाई जा सकी है। सौंसर क्षेत्र की #कन्हाननदी से नियमों क ा उल्लंघन करते हुए पोकलेन मशीनों से खनन करते हुए हर दिन सैकड़ों डंपर रेत #महाराष्ट् सीमा तक पहुंचाई जा रही है। जिसके पर्याप्त प्रमाण खुद ग्रामीणों ने बना डाले। दरअसल लॉक डाउन के बाद निर्माण कार्य शुरू हुए तो रेत खनन की अनुमति मिली। लेकिन अनुमति मानवीय श्रम से डंपरों को भरने की थी जिसका उल्लंघन करते हुए पोकलेन मशीन का उपयोग किया गया। जिससे संकट काल में जिन श्रमिकों को रोजगार मिलना था उन्हे न तो रोजगार मिला उलटे #एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए मशीनों से सीना छलनी कर दिया गया। वहीं दूसरे राज्य से आने वाले बहुतायत ट्रकों से कोरोना संवहन का खतरा भी बना हुआ है। हालांकि पिछले तीन महीने पहले तक #कांग्रेससरकार के समय रेत तस्करों को काफी हद तक लगाम लगाया जा चुका था। सरकार बदलने के साथ ही अब रेत तस्करों के हौसले बुलंद हो गए। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के आदेशों के बाद ही जिले में माफिया दलन समिति बनाई गई थी जिसमें शामिल अधिकारी प्रत्येक दिन बड़ी कार्रवाई कर रहे थे। बता दें कि रेत के ताबड़तोड़ खनन करने की होड़ इसलिए भी लगी है कि आने वाले बारिश के दिनों में तीन माह के लिए रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है। जिले के आला अफसरों से भी बात करने की कोशिस की गई तो उन्होने भी इस मामले में सामने आकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। संभवत: रेत की तस्करी सत्तासीन सरकार के कुछ नुमाइंदों के इशारे पर ही चल रही हो।


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