अंतर्राष्ट्रीय
08-Sep-2020

पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त है। दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि दुनिया को अगली महामारी के लिए भी तैयार रहना चाहिए। दरअसल, डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम ग्रेबेसियस ने सोमवार को कहा कि दुनिया को अगली महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होना चाहिए। साथ ही उन्होंने देशों से सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश करने के लिए आह्वान किया। चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में सामने आए पहले कोरोना वायरस मामले के बाद अब तक दुनिया में 2.7 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, दुनियाभर में 8,88,326 लोगों की इस वायरस से मौत हुई है। भारत, अमेरिकी और इजराइल 5जी कम्युनिकेशन नेटवर्क पर मिलकर काम करेंगे। एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी। इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च तीनों देशों के तीन टेक्नोलॉजी हब में होगा। ये तीन शहर हैं- बेंगलुरु, सिलिकॉन वैली और तेल अवीव। अमेरिका, इजराइल और अमेरिका कतई नहीं चाहते कि चीन की कंपनियां इस मामले में विस्तार करें। दो महीने पहले अमेरिका ने ब्राजील से साफ कहा था कि वो 5जी नेटवर्क कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनी हुबेई को न दे। रूस ने अपनी कोरोना वैक्सीन को पब्लिक के लिए रिलीज कर दिया है। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। हालांकि, अभी ये नहीं बताया है कि किस तरह से इसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा। सरकार खुद टीकाकरण कार्यक्रम चलाएगी या फिर इसे मार्केट में उपलब्ध कराया जाएगा। इस वैक्सीन को रूस की गामलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ इपिडेमियोलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मिलकर बनाया है। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने उम्मीद जताई कि कुछ ही महीनों में यहां बहुत से लोगों का टीकाकरण हो सकेगा। देश में कोरोना के 10 लाख 30 हजार 690 मामले आ चुके हैं। पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं। दोनों देशों के संबंध इतने खराब कभी नहीं रहे। यही वजह है कि पाकिस्तान अब हर तरह की मदद के लिए चीन पर निर्भर हो गया है। एक डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, भारत, अमेरिका और सऊदी अरब एक अलायंस के तौर पर साथ आ चुके हैं। जबकि, चीन और रूस के अलावा ईरान भी पाकिस्तान के साथ नजर आता है। आयशा के मुताबिक, पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में नाटकीय बदलाव आया है। ये बेहद खराब हो चुके हैं और इसे महसूस भी किया जा सकता है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना की बढ़त को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 29-30 अगस्त की रात लेक स्पांगूर के पास घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। यही नहीं भारतीय सेना ने इलाके की ऊंची चोटी पर भी कब्जा कर लिया था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मामले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी सेना और अधिकारियों से काफी नाराज हैं। सऊदी कोर्ट ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में पांच दोषियों की मौत की सजा को पलट दिया है। स्टेट मीडिया के मुताबिक, इस मामले में आठों दोषियों को अब सात से 20 साल के बीच जेल की सजा सुनाई गई है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने सरकारी वकील के एक प्रवक्ता का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि पांच दोषियों को 20 साल की जेल और अन्य तीन को 7 से 10 साल की जेल हुई है। आठों दोषियों की पहचान नहीं बताई गई है। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली 10 सितंबर को भारत पहुंचेंगी। वो अंबाला एयर फोर्स बेस पर होने वाली राफेल जेट्स इंडक्शन सेरेमनी में शामिल होंगी। फ्लोरेंस रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगी। पार्ली के साथ फ्रांस के रक्षा अधिकारी और डिफेंस इंडस्ट्री का डेलिगेशन भी भारत आएगा। चीन से जारी तनाव के बीच ये किसी बड़े विदेशी नेता की पहली भारत यात्रा है। पार्ली की बात करें तो फ्रांस में कोरोना के कारण प्रतिबंध लगने के बाद वो विदेश यात्रा पर जाने वाली पहली मंत्री होंगी। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही पुलिस ने रविवार को एक 12 साल की लड़की को गिरफ्तार कर लिया, जिसकी कड़ी आलोचना की जा रही है। लड़की के परिवार का कहना है कि वह कुछ जरूरी चीजें खरीदने गई हुई थी। लड़की की गिरफ्तारी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारियों को एक ओर हटा रही है। इसी दौरान 12 साल की लड़की वहां से भागने लगती है। पुलिस लड़की का पीछा करते हुए उसे जमीन पर गिरा देती है। कई और अधिकारी भी उसे जमीन पर गिराने में मदद करते दिख रहे हैं। लेबर डे के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार ज्यादा तनावपूर्ण नजर आ रहा है। जो बाइडेन को कुछ या कहें मामूली बढ़त हासिल है। वे इसे बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रम्प इसे कम करने में ताकत झोंक रहे हैं। अगस्त में दोनों पार्टियों के कन्वेशन्स के बाद कुछ प्राईवेट पोल्स हुए। इनके मुताबिक, ट्रम्प उन राज्यों में रिकवर कर रहे हैं, जहां कोरोना के दौर में उनका समर्थन या आधार कम हुआ था। ज्यादा आबादी वाले वे राज्य जहां कोरोना का असर काफी रहा, वहां ट्रम्प के खिलाफ नाराजगी को बाइडेन भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले जॉर्ज फ्लॉयड फिर जैकब ब्लेक। इन दो अश्वेतों के साथ पुलिसिया जुल्म का विरोध हुआ। अश्वेतों ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव और जुल्म होता है। लोग सड़कों पर उतरे, हिंसा हुई और दंगे भी। लेकिन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नजरिया दूसरा है। वे कहते हैं- अमेरिका में कोई नस्लवाद या रंगभेद नहीं है। अगर कुछ है तो श्वेत अमेरिकियों को लेकर गलत धारणा। हाल ही में ट्रम्प केनोशा गए। यहां जैकब ब्लेक के साथ पुलिसिया जुल्म हुआ। ब्लेक अपाहिज हो चुके हैं। हैरानी की बात है कि ट्रम्प ने जैकब का नाम तक नहीं लिया। उल्टा पुलिस की तारीफ की, जिसे पुलिस ने सात गोलियां मारीं। ट्रम्प कहते हैं- अश्वेतों का मामला उछालकर अमेरिका के खिलाफ प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है।


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