उपभोक्ताओं की निजी जानकारियों को ट्रैक कर उन्हें चुनिंदा विज्ञापन देने के लाखों-करोड़ के अनैतिक खेल को लेकर फेसबुक-एपल आपस में भिड़ गई हैं। फेसबुक बनाने वाली कंपनी कुछ नए बदलाव कर रही है जिससे वह विज्ञापन कंपनियों के लिए यूजर्स को ट्रैक करने की सुविधा पा लेगी। फेसबुक ने कहा एपल 2021 की शुरुआत में आईफोन यूजर्स को यह विकल्प देगा कि वह विज्ञापन कंपनियों को उन्हें ट्रैक करने की अनुमति दें। चीन की दक्षिण एशिया में बढ़ती भूमिका का क्षेत्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के क्षेत्र में अहम प्रभाव पड़ सकता है। यह बात एक अमेरिकी थिंकटैंक ने एक रिपोर्ट में देते हुए कहा है कि चीन इस क्षेत्र में भारत पर निशाना साधने के लिए पाकिस्तान की मदद कर रहा है। ऐसे में हिमालय से हिंद महासागर तक तनाव के चलते आगामी दशकों में चीन के कारण दक्षिण एशिया में संघर्ष और बढ़ सकता है। यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस नामक थिंकटैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चीन की भागीदारी से क्षेत्र पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन करना एक सफल नीति बनाने और अमेरिका के हितों एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अहम होगा। दुनियाभर में शासन और प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर पुरजोर मांग होती है लेकिन पेरिस में स्थानीय प्रशासन को इसे लागू करना महंगा पड़ गया है। अधिक संख्या में महिलाओं की नियुक्ति करने वाले पेरिस सिटी हॉल पर फ्रांस के नागरिक सेवा मंत्रालय ने 80 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। लैंगिक संतुलन के नियम के उल्लंघन पर यह जुर्माना ठोका है। सिटी हॉल में इन महिलाओं की तैनाती साल 2008 में हुई थी। तब शीर्ष 16 में से 11 पद इनके नाम कर दिए गए। फ्रांस के 2012 के लैंगिक समानता के नियम के हिसाब से 60 फीसदी से ज्यादा पद किसी एक लिंग के खाते में नहीं जा सकते थे। अल्फाबेट इंक के गूगल के खिलाफ ऐड मार्केट में कॉम्पिटिशन को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा किया गया है। टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने उस पर इसके लिए चिर प्रतिद्वंद्वी फेसबुक इंक के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है। पैक्सटन का कहना है कि गूगल ने ऑनलाइन ऐड की नीलामी को अपने हिसाब से तोडऩे मरोडऩे के लिए फेसबुक के साथ अवैध करार किया है। बताया जाता है कि गूगल ने इस सेक्रेट डील को स्टार वॉर कैरेक्टर का नाम दिया था। पैक्सटन की शिकायत के मुताबिक, इतने बड़े दो प्रतिस्पर्धियों के हाथ मिलाने से प्रतिस्पर्धा संबंधी नियमों के पालन को लेकर खतरे की घंटी बजनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी के कोरोना वैक्सीन (कोवीशील्ड) के दो फुल डोज बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दे रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने गुरुवार रात यह जानकारी दी। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा- पहले हमने एक फुल और एक हाफ डोज देकर ट्रायल किया था। यानी कैंडिडेट को डेढ़ डोज दी गई थी। अब दो फुल डोज दिए गए। इनके नतीजे काफी बेहतर रहे। करीब एक महीने पहले एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने वैक्सीन में मैन्युफैक्चरिंग एरर की बात मानी थी। तब वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के परिणाम जारी किए गए थे, जिसमें अलग-अलग नतीजे सामने आए थे। अमेरिका में फाइजर की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो गया है। जल्द ही मॉडर्ना की वैक्सीन को भी रेगुलेटरी अनुमति मिलने वाली है। दोनों वैक्सीन के बारे में दावा किया गया है कि वे 95 फीसदी असरदार हैं और सुरक्षित भी हैं। इसके बावजूद बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन के लिए राजी करवा पाना अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जिस एडवाइजरी समिति ने वैक्सीन को स्वीकृति दी है उसकी भी एक सदस्य ने बुजुर्गों में इसके इस्तेमाल के खिलाफ वोट डाला था। समिति की सदस्य डॉक्टर हेलेन कीप टालबोट का मानना है कि वैक्सीन को अभी आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिली है।