शहर की प्यास बुझाने वाली शिवना नदी शहर से निकलने वाले सिवरेज के पानी से ही पूरी तरह प्रदूषित हो रही है। । इसमें शहर भर के गंदे नालो का पानी मिल रहा है। यहां तक की जहरीले रसायन भी नदी के पानी में मिलने के कारण उसका रंग भी काला हो रहा है। खास बात यह है कि शिवना नदी के किनारे पर भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर स्थित है। यहां भक्त आते हैं वे नदी की दशा देखकर दुखी होते हैं । लॉकडाउन के दौरान यही शिवना नदी निर्मल हो गई थी लेकिन पहली बारिश में ही शहर के गंदे नालों का पानी शिवना नदी में मिलने लगा। और नदी प्रदूषित होने लगी । नालों के गंदे पानी को नदी में मिलने से रोकने के लिए काम नहीं हुए है। सिर्फ नालों के पानी को रोकने से इसे रोका जा सकता है। सभी को नाले दिख भी रहे है और पता भी है, लेकिन कागजों और निरीक्षणों के साथ रिपोर्ट तैयार करने से आगे काम नहीं हुआ है। इसी के कारण शहर की जीवनदायिनी नदी पूरी तरह से प्रदूषित होकर काले आवरण से ढकी और सफेद झाग के साथ इतने नालों के मिलने के कारण एक बड़े नाले से नजर आने लगी है। हर वर्ष यहां शिवना शुद्धिकरण के नाम पर बड़ा बजट खर्च होता है लेकिन शिवना में मिलने वाले नालों को रोकने की तरफ न नपा न प्रशासन का ध्यान है