1 कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 599.64 अंक नीचे 39,922.46 पर और निफ्टी 159.80 अंक नीचे 11,729.60 पर बंद हुआ है। बुधवार को बाजार की गिरावट को बैंकिंग और आईटी शेयरों ने लीड किया। निफ्टी बैंक इंडेक्स 537 अंक नीचे बंद हुआ है। भारी गिरावट के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 1.55 लाख करोड़ घटकर 158.19 लाख करोड़ रुपए हो गया। कंपनियों का एम कैप मंगलवार को 159.74 लाख करोड़ रुपए था। 2 युनाइटेड अरब अमीरात में रहने वाले भारतीय अब वहां के पते पर पासपोर्ट बनवा सकते हैं। दुबई में भारतीय दूतावास में पासपोर्ट और सत्यापन अधिकारी सिद्धार्थ कुमार बरेली ने कहा कि भारत सरकार ने अपने विदेशी नागरिकों को उन देशों का अपना स्थानीय पता जोड़ने की अनुमति देने का फैसला किया है, जहां वे रहते हैं। इससे मुख्य रूप से उन लोगों की सहायता की जा सकेगी जिनके पास भारत में स्थायी पते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि कई लोग जो लंबे समय से यूएई में रह रहे हैं, उनका भारत में वैध पता नहीं है। उन्होंने कहा कि वे अपने पासपोर्ट में अपना स्थानीय यूएई का पता जोड़ सकते हैं। 3 पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार राहत मिलने के बाद अब आम आदमी के लिए एक और अच्छी खबर है। दिवाली से पहले तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती कर सकती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए जानकारों का कहना है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां खुदरा स्तर पर पेट्रोलियम के विभिन्न उत्पादों की कीमतों में कमी कर सकती हैं। ता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच वैश्विक स्तर पर तेल की मांग कम होने से कीमतों पर दबाव आया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक हफ्ते के अंतराल में कच्चे तेल का दाम प्रति बैरल 42 डॉलर से घटकर 40 डॉलर के करीब पहुंच रहा है। 4 बीते एक साल से जारी अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से चीन को भारी नुकसान हुआ है। ग्लोबल मार्केट में चीनी समानों के आयात और निर्यात दोनों प्रभावित हुए हैं। इससे भारत सहित अन्य देशों को फायदा हुआ है। लेकिन, भारत के लिए चीन के साथ कंपीट करना अभी आसान नहीं है। आंकड़ों को देखें तो भारत और चीन दोनों के बीच व्यापार के लिहाज से बड़ा अंतर है। ट्रेड वार के कारण चीन को वैश्विक बाजारों में भारी नुकसान हो रहा है। 5 देश के हाईवे पर एक बार फिर कमर्शियल वाहनों की रफ्तार बढ़ी है। सितंबर महीने में टोल कलेक्शन का आंकड़ा प्री-कोविड स्तर के पार पहुंच गया है। जारी रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के बाद पहली बार हाईवे पर भारी वाहनों आवागमन तेज हुई है। इसके वजह फेस्टिव सीजन है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के रिसर्च फर्म ने देशभर के हाईवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन से संबंधित एक डेटा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सितंबर महीने में हाईवे पर कुल 11 करोड़ वाहनों का आवागमन हुआ 6 टाटा समूह तमिलनाडु के होसुर के एक इंडस्ट्रीयल कॉम्प्लेक्स में फोन कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है। निवेश का यह आंकड़ा 8,000 करोड़ का आंकड़ा भी छू सकता है। खबर यह है कि यहां एपल कंपनी के फोन का कंपोनेंट्स तैयार किए जाएंगे। नई कंपनी के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम द्वारा 500 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। मंगलवार को इसका भूमि पूजन किया गया है। हालांकि, इसकी पुष्टि अभी न तो टाटा समूह ने की है और न ही तमिलनाडु सरकार ने। 7 भारती एयरटेल के बोर्ड ने बुधवार को अफ्रीकी देश घाना में सरकार को अपने ज्वाइंट वेंचर एयरटेलटिगो की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इसमें कंपनी को स्थानीय सरकार से नुकसान की भरपाई के तौर पर 184.1 करोड़ रुपए मिलेंगे। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी के मुताबिक कंपनी ने बताया कि दोनों पक्ष एयरटेलटिगो को घाना सरकार को सौंपने की दिशा में जारी बातचीत अंतिम चरण में है। 8 ई-कॉमर्स कंपनियों ने 15 से 21 अक्टूबर के बीच अपनी त्योहारी सेल के पहले हफ्ते में 4.1 अरब डॉलर यानी करीब 29,000 करोड़ रुपए का सामान बेचा है। यह पिछले साल के मुकाबले 55 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल कंपनियों ने अपनी त्योहारी सेल के दौरान पहले हफ्ते में 2.7 अरब डॉलर का सामान बेचा था। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों की कुल त्योहारी बिक्री में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी सबसे अधिक यानी 47 प्रतिशत रही। इसकी वजह ज्यादा से ज्यादा नए मॉडलों या सस्ते स्मार्टफोन को बाजार में उतारना रहा। 9 फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी की हेड अंखी दास ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। अंखी पर आरोप लगे थे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेट कंटेंट को रोकने में वो पक्षपात कर रही हैं। फेसबुक इंडिया के एमडी अजित मोहन ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि अंखी अब पब्लिक सर्विस के लिए काम करेंगी। भारत में कंपनी के लिए काम करने वाली शुरुआती एम्पलाई में से एक हैं। उन्होंने 9 साल में कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए अहम रोल निभाया है। 10 कोरोना का असर कपड़ों की रिटेल बिक्री पर अभी भी नजर आ रहा है। महामारी और लॉकडाउन के चलते स्टोर से बिक्री की दरों में गिरावट देखने को मिली है। मोतीलाल ओसवाल द्वारा जारी रिटेल रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर तिमाही में अपैरल रिटेल की बिक्री सालाना आधार पर कमजोर रही। औसत रेवेन्यू भी 45-55 फीसदी नीचे फिसल गया है। दूसरी तिमाही में अन्य के मुकाबले अपैरल सेक्टर्स में बिक्री के आंकड़े कमजोर हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस सेक्टर में गिरावट की बड़ी वजह कोरोना महामारी है। क्योंकि, महामारी के चलते मॉल्स, स्टोर्स, बड़े शोरूम बंद थे। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे स्टोर्स हुए हैं।