छिंदवाड़ा में अज्जू नामक सटोरी ऑनलाइन क्रिकेट बैटिंग का कारोबार धड़ल्ले से संचालित कर रहा है। आईडी और एप्लीकेशन के माध्यम से युवाओं को सट्टे की लत लगा कर उनसे करोड़ों रुपए कमाए जा रहे हैं। वैसे तो फुटबॉल हो या अन्य कोई खेल सभी जगह सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। छिंदवाड़ा पुलिस के पास साइबर टीम होने के बावजूद पुलिस इस पर कोई कोई कार्रवाई नहीं कर रही है । अगर पुलिस चाहे तो साइबर टीम की मदद से इस बड़े रैकेट का भंडाफोड़ कर सकती है लेकिन अज्जू और उन जैसे कई सटोरियों पर पुलिस का कार्यवाही ना करना पुलिस की प्रतिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। आईए हम आपको बताते हैं, क्या है आई डी का खेल। पहले की तरह नए जमाने में हार जीत के खेल का स्वरूप बदल गया है, अब यह कारोबार ऑनलाइन संचालित किया जाता है, इसमें यूजर आईडी और पासवर्ड के माध्यम से सट्टा लगाया जाता है। जिसका लेनदेन हर सोमवार को मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से किया जाता है , पुलिस को इन सब की जानकारी होने के बावजूद पुलिस आईडी के माध्यम से संचालित इस चट्टे को रोकने में नाकाम है। पुलिस चाहे तो कॉल डिटेल और कॉल सर्विलांस के माध्यम से सट्टे पकड़ सकती है । लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनकर युवाओं को इस जाल में फंसता हुआ देख रही है। इतना ही नहीं, जब कोई युवा सट्टा हारता है और अज्जू से आई डी बंद करने की बात करता है तो अज्जू उन्हे बहला-फुसलाकर आईडी चालू रखता है और लाखों की उधारी हो जाने पर उन्हें धमकी देते है साथ ही किश्तों में रकम देने की बात कहकर युवाओं को इस जाल में फंसाए रखता है। हाल ही में ऑनलाइन सट्टे के इस जाल में फंसकर एक युवा ने आत्महत्या करने की कोशिश की। अब देखना होगा कि आने वाले समय में पुलिस अज्जू पर कार्रवाई करेगी या मूकदर्शक बनकर युवाओं को इस जाल में फंसते हुए देखती रहेगी ।