ओईसीडी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में 10.2 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है. जून में इसने 3.7 फीसदी की कमी का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसे बढ़ा कर 10.2 फीसदी कर दिया है. हालांकि ओईसीडी ने ग्लोबल आउटपुट में कमी आने का अपने पहले का अनुमान घटा दिया है. पहले इसने ग्लोबल आउटपुट में छह फीसदी का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसे घटा कर चार फीसदी कर दिया है. शुक्रवार को कारोबार के आखिरी दिन बीएसई 220.57 अंक ऊपर 39,200.42 पर और निफ्टी 64.55 अंक ऊपर 11,584.10 पर खुला। बाजार में फार्मा शेयरों में तेजी है। ल्युपिन के शेयर में 6 फीसदी तक की बढ़त है। इसके अलावा सिप्ला और डॉ रेड्डीज के शेयर 4-4 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को बीएसई 323 अंक नीचे 38,979.85 पर और निफ्टी 85.30 अंकों की गिरावट के साथ 11,519.25 पर बंद हुआ था। 2016 में बहुचर्चित पनामा पेपर्स में जिन लोगों के नाम आए थे, उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यही नहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में एक याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच की जाए और कार्रवाई की जाए। लेकिन कोर्ट के आदेश के तीन साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अमेरिका की लॉ फर्म रोजेन ने फिर से एचडीएफसी बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर कराया है। यह मुकदमा निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए दायर किया गया है। इससे पहले भी इसी फर्म ने जुलाई में एक मुकदमा दायर किया था। इस मुकदम से एचडीएफसी बैंक की दिक्कत बढ़ सकती है। लॉ फर्म ने एचडीएफसी बैंक, वर्तमान एमडी आदित्य पुरी और आनेवाले नए एमडी शशिधर जगदीशन और कंपनी सचिव संतोष हलदनकर के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने निवेशकों से मिलने वाली शिकायतों के रिकॉर्ड को मेंटेन करने और उनकी प्रॉसेस को लेकर एक एजेंसी नियुक्त करने की योजना बनाई है। यह एजेंसी निवेशकों से फिजिकल या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायतें प्राप्त करेगी। उन्हें कैटेगराइज करेगी। सेबी ने एक नोटिस में यह जानकारी दी है। सेबी ने गठित की जाने वाली एजेंसी के प्री क्वालिफिकेशन को लेकर आवेदन आमंत्रित किए हैं। दूसरी तिमाही में एडवांस टैक्स कलेक्शन में 25.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह एक लाख 59 हजार 57 करोड़ रुपए रहा है। हालांकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। यह जानकारी इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों ने दी है। जानकारी के मुताबिक पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच एडवांस टैक्स का रेवेन्यू महज 11,714 करोड़ रुपए था। यानी इसमें एक साल पहले की तुलना में 76 प्रतिशत की गिरावट आई थी। यह इसलिए हुआ था क्योंकि मार्च के अंत में लॉकडाउन लगा था और इसके बाद से पूरी आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। कोरोनावायरस महामारी ने वाइट कॉलर जॉब करनेवालों पर बुरा असर डाला है। मई से अगस्त के बीच 66 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, एकाउंटेंट, विश्लेषक समेत कई सेक्टर के पेशेवरों की नौकरी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 के बाद से रोजगार अपने सबसे न्यूनतम स्तर आ गई है। सीएमआई के साप्ताहिक विश्लेषण के आधार पर यह सर्वे जारी किया गया है। यह सर्वे हर चार महीने में किया जाता है। सैलरीड कर्मचारियों में सबसे बड़ा रोजगार का नुकसान व्हाइट कॉलर प्रोफेशनल और अन्य कर्मचारियों का हुआ है। लॉकडाउन के दौरान एटीएम फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एसबीआई ने ओटीपी बेस्ड एटीएम कैश विदड्रॉल सुविधा को 24×7 लागू करने का फैसला किया है। यह सुविधा देशभर के सभी एसबीआई एटीएम पर 18 सितंबर यानी आज से लागू हो जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने के बाद एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए या इससे अधिक राशि निकालने पर दिन में भी ओटीपी की जरूरत होगी। इससे पहले तक रात में आठ बजे से सुबह आठ बजे 10 हजार रुपए या इससे अधिक राशि निकालने पर ही ओटीपी की जरूरत होती थी। बैंक ने 1 जनवरी से यह नियम लागू किया था। वर्ल्ड बैंक के सालाना ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में भारत को 116वां स्थान मिला है। इंडेक्स में भारत सहित 174 देशों को शामिल किया गया है। इंडेक्स को 174 देशों की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति पर तय किया गया है। इससे पहले भारत ने साल 2019 में जारी इंडेक्स पर आपत्ति जताई थी। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स के मुताबिक इस साल भारत का स्कोर 0.49 है। जबकि साल 2018 में यह स्कोर 0.44 था। इससे पहले 2019 में वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी इंडेक्स में भारत को 157 देशों में से 115वां स्थान स्थान मिला था। बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2020 लोकसभा में पारित हो गया। इस विधेयक में कॉपरेटिव बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की निगरानी में लाने का प्रस्ताव रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कॉपरेटिव बैंकों के गवर्नेंस में सुधार करने और जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा के लिए यह विधेयक लाया गया है। बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 को लोकसभा में पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार को लॉकडाउन के दौरान अध्यादेश लाना पड़ा था, क्योंकि कॉपरेटिव बैंकों की हालत बहुत खराब थी। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही अब साल 2023 तक अमेरिका में ब्याज दरें शून्य के करीब रहेंगी। बुधवार देर रात फेडरल रिजर्व बैंक ने इसकी घोषणा की। दो दिवसीय बैठक कल रात समाप्त हुई थी। इस बैठक में कोरोना और जीडीपी पर भी बैंक ने चर्चा की।