महाराष्ट्र में बड़ा खेला हुआ है. अजित पवार अपने साथ 30 विधायकों को लेकर भाजपा की सरकार में चले गए हैं. वह स्वयं उप मुख्यमंत्री बन गए हैं.उनके भ्रष्टाचारी महत्वपूर्ण साथी भी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बन गए हैं. दल बदल कानून से बचने के लिए 36 विधायक चाहिए थे. लेकिन अभी तक 30 विधायक भी इकट्ठे नहीं हो पाए. कहा जा रहा हैकि भोपाल के बूथ प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीपी सहित विपक्षी दलों के भ्रष्ट नेताओं पर कार्यवाही करने की गारंटी दी थी. उसी गारंटी को देखते हुए अजित पवार को सुनियोजित रूप से सरकार में शामिल कराया गया है.70000 करोड़ के भ्रष्टाचार का पाप उनके महाराष्ट्र सरकार में शामिल होते ही धुल गया. ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से राकांपा के वरिष्ठ नेता बच भी गए.फैसला तो जनता को करना है. चुनाव आते -आते चाचा भतीजे की जोड़ी कौन सा गुल महाराष्ट्र में खिलाएगी इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.