मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) एक नहीं बल्कि अनेक मामलो में न्यायालय के आदेशों की अवमानना में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। एमयू से संबद्ध दो यूनानी कॉलेजों को भारतीय चिकित्सा पद्धती राष्ट्रीय आयोग ने वर्ष २०२०-२१ के लिए मान्यता नहीं दी थी। इन कॉलेज प्रबंधकों ने अध्ययनरत विद्यार्थियों के भविष्य का हवाला देते हुए न्यायालय की शरण ली और परीक्षा में बैठने की अंतरिम राहत मांगी। मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एमयू प्रबंधन को इन कॉलेज के विद्यार्थियों के अस्थाई परीक्षा में बैठने की अंतरिम राहत इस टीप के साथ दी थी कि इनके रिजल्ट को याचिका के निर्णय के अधीन रखते हुए जारी न किया जाए जिसके बाद एमयू ने इन छात्रो के अस्थाईऑफलाइन नामांकन जारी किए लेकिन एमयू ने न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए रिजल्ट भी जारी कर दिए। अब एमयू प्रबंधन आनन-फानन में वैबसाइट से रिजल्ट हटाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है।